नई दिल्ली । साल का अंतिम और दूसरा चंद्रग्रहण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 नवंबर शुक्रवार को लगने जा रहा है। बताया गया है कि ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश में ही कुछ समय के लिए दिखाई देगा। इसके अलावा अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा। ज्योतिष के अनुसार ये चंद्र ग्रहण वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में लगेगा। इस वजह से वृष राशि के जातकों के लिए यह अवधि समस्याकारक रह सकती है। भारतीय समयानुसार 19 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को सुबह 11:34 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो शाम 05:33 मिनट पर खत्म होगा। हालांकि भारत में ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए। इस दौरान भगवान का ध्यान करें। ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के दौरान शिव आराधना करने से लाभ मिलता है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि यह चंद्रग्रहण वृष राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा। ये ग्रहण मुख्य रूप से पांच राशि वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मेष राशि पर सबसे ज्यादा असर डालता हुआ दिख रहा है। वहीं अन्य राशियों पर भी इस चंद्र ग्रहण का असर दिखेगा। वृष राशि के जातकों को इस दौरान किसी से वाद-विवाद और फिजूल खर्ची से बचना चाहिए। इस राशि के जातक चंद्र ग्रहण के दौरान एकांत में रहकर प्रभु का नाम लें, तो उनके लिए उत्तम होगा।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…