भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश (एमपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में पास होना अब आसान हो गया है। एमपी बोर्ड ने रिजल्ट को बेहतर करने के लिए सत्र 2021-22 से परीक्षा का पैटर्न बदल दिया है। प्रश्न पत्र में अब 40 प्रतिशत अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न होंगे। पास होने के लिए 33 अंक जरूरी होते हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने हाल ही में इसके संबंध में जानकारी जाहिर की है। इसमें उन्होंने बताया है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार यह बदलाव किया गया है।
एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को सुधारने के लिए कई सालों से प्रयोग कर रहा है। इससे पहले बोर्ड ने 10वीं में बेस्ट ऑफ फाइव लागू किया था। इसमें अगर कोई छात्र एक विषय में फेल भी हो गया और अन्य 5 में पास है, तो वह पास माना जाता है। इसमें नौवीं और 10वीं के छात्रों की 6 विषय की परीक्षा होती है, लेकिन जिन 5 विषयों में सबसे अधिक नंबर आते हैं, उन्हीं के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाता है। इस कारण दसवीं के परिणाम में सुधार हुआ, लेकिन छात्र 6 की जगह सिर्फ पांच विषयों में रुचि लेने लगे। इससे गणित और अंग्रेजी विषय पर अधिकांश छात्रों ने ध्यान देना कम कर दिया।
यह रहेगा पेपर का पैटर्न
बोर्ड की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में हुए निर्णय के बाद 10वीं और 12वीं के प्रश्न-पत्र में ऑब्जेक्टिव प्रश्न 40 प्रतिशत कर दिए गए हैं। यह पैटर्न सत्र 2021-22 से यानी इसी सत्र से लागू कर दिया गया है। अभी तक 10वीं-12वीं की परीक्षा में 25 प्रतिशत अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते थे। नए ब्लू प्रिंट को लोक शिक्षण द्वारा 24 सितंबर से आयोजित की जाने वाली तिमाही परीक्षा में लागू भी कर दिया है।
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