केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में गोरखा लोगों और दार्जिलिंग, तराई और दुआर क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन क्षेत्रों में रहने वाले गोरखा लोगों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए आयोजित त्रिपक्षीय बैठक में उन्होंने यह बात कही। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार गोरखा और इन क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
बयान में बताया गया कि गृह मंत्री ने सभी संबंधित पक्षों की बातें सुनीं और पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में नवंबर में दूसरे दौर की वार्ता आयोजित करने का निर्णय किया। राज्य सरकार को अगले दौर की वार्ता के लिए विशेष तौर पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने के लिए कहा गया है। बयान के मुताबिक, शाह ने कहा कि दार्जिलिंग की पहाड़ियों और तराई तथा डुआर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट के नेतृत्व में गोरखा प्रतिनिधिमंडल ने गोरखाओं और क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री और अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, जनजातीय मामलों के सचिव अनिल कुमार झा, भारत के महापंजीयक विवेक जोशी और गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। गोरखाओं की ओर से प्रतिनिधिमंडल में दार्जिलिंग के विधायक नीरज जिम्बा, कुर्सियांग के विधायक बी. पी. बजगाईं, कालचीनी के विधायक विशाल लामा, जीएनएलएफ के प्रमुख मान घीसिंग और सीपीआरएम के प्रमुख आर. बी. राई एवं अन्य थे।