हल्द्वानी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बच्चों को संस्कारवान बनाने की वकालत करते हुए कहा कि मतांतरण करने वाले जो हैं, यह अलग बात है। लेकिन इसके लिए हम अपने बच्चों को तैयार नहीं करते हैं।
आम्रपाली संस्थान हल्द्वानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रांतीय बैठक के दौरान संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि अपनी परंपरा की उपासना क्यों छोड़नी है? कैसे मतांतरण हो जाता है? मतांतरण करने वाले जो है, यह अलग बात है लेकिन अपने बच्चे हम नहीं तैयार करते। हमको इसका संस्कार अपने घर में देना पड़ेगा। हमें अपने घर में अपनी पूजा के प्रति आदर करना सिखाना होगा। अगर अपने मत को लेकर बच्चों के प्रश्न आए तो उनका उत्तर देना होगा। हमें अपने बच्चों को इतना तैयार तो करना ही चाहिए। इसके लिए हमें खुद सीखना होगा।
बहुत हैं समाज में अलगाव फैलाने वाली गतिविधियां
संघ प्रमुख ने कहा कि समाज के वातावरण में अच्छी बातें सीखें, ऐसी बातें कम रह गई हैं। छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर अलगाव फैलाने वाली गतिविधियां बहुत है। आचरण का व्यापार करने वाला बाजार सर्वत्र है। इसे विचार की अभिव्यक्ति के नाम पर समर्थन भी मिल जाता है।
संघ प्रमुख ने रोपा पारिजात का पौधा
आम्रपाली संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रांतीय बैठक के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार की सुबह परिसर में पारिजात का पौधा रोपा। इसके जरिए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।