देश में कोयले की भारी कमी ने पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में बिजली उत्पादन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि ये राज्य कभी भी अंधेरे में डूब सकते हैं। चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोयला उपभोक्ता है। जानकारों का कहना है कि कोयले की कमी का संकट पूरी तरह से चरम पर है। कोयले की कमी का कारण इनमें सेकुछ राज्यों में बिजली कटौती शुरू हो गई है जबकि अन्य को आने वाले दिनों में ब्लैकआउट का सामना करना पड़ सकता है। झारखंड, बिहार और आंध्र प्रदेश पर भी संकट मंडरा रहा है। यानी कुल 7 राज्यों में बिजली कटौती का डर है।
पंजाब में 5 संयंत्र बंद
पंजाब से खबर है कि यहां शनिवार को 5 संयंत्र बंद होने से राज्य भर में 3-4 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। राज्य के स्वामित्व वाली पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अधिकारियों ने कहा कि तलवंडी साबो बिजली संयंत्र, रोपड़ संयंत्र में दो-दो इकाइयां और लहर मोहब्बत संयंत्र में एक इकाई बंद कर दी गई है।
सीएम ने दिए पावर कट के संकेत
वहीं दिल्ली में भी जल्द पावर कट शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका संकेत दे दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मैंने माननीय पीएम को एक पत्र लिखकर उनसे व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है।
राजस्थान में हो सकती है 1 घंटे की कटौती
राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोयले की कमी से निपटने के लिए दैनिक आधार पर एक घंटे के लिए बिजली कटौती शुरू की जाएगी। बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 10 प्रमुख शहरों में कटौती की जाएगी। संकट जल्द हल नहीं हुआ तो राजस्थान कोयला संकट के कारण आधिकारिक तौर पर आउटेज शेड्यूल करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
तमिलनाडु में भी असर, चेन्नई बिजली गुल
तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन (टैंजेडको) ने शुक्रवार को घोषणा की कि शहर में रखरखाव का काम करने के लिए चेन्नई के कुछ हिस्सों में बिजली बंद कर दी जाएगी। चेन्नई के कुछ हिस्सों में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक बिजली गुल रही। शोलिंगनल्लूर, गिंडी, शोलिंगनल्लूर, इंजंबक्कम, अन्नासलाई, अंबत्तूर, रेडहिल्स, पेरंबूर और मनाली शहर भर में सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र थे।
झारखंड और बिहार भी कोयले की कमी से सबसे राज्यों में शामिल हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में आपूर्ति की कमी बिजली कटौती की ओर धकेल रही थी। अगर सिंचाई पंपों को बिजली नहीं दी गई तो फसलें सूख सकती हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
भारत में कोयले से चलने वाले 135 बिजली संयंत्र हैं। इनमें से आधे से अधिक के पास दो दिनों से कम का ईंधन स्टॉक है। संघीय ग्रिड ऑपरेटर के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इन्हीं संयंत्रों से देश की लगभग 70% बिजली की आपूर्ति होती है।