केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को बिजली उत्पादन और वितरण की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अर्थव्यवस्था के लिए उसी तरह जरूरी है, जिस तरह जीवन बचाने के लिए रक्तदान आवश्यक है।
असम के दिमा हासाओ जिले में 120 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को भी लाभ मिलेगा। दिमा हासाओ जिले के लोंगकू में लोअर कोपिली इकाई के निर्माण के जरिए असम में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने दिसंबर 2020 में 23.1 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया।
वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार अपनी गारंटी देकर विदेशों से और धन जुटाएगी। केंद्रीय मंत्री ने हाफलोंग तिनाली को लोअर हाफलोंग से जोड़ने वाली 90 किलोमीटर लंबी सड़क के विकास कार्य का भी शिलान्यास किया।
इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस जलविद्युत परियोजना के जरिए वर्ष 2025 तक बिजली क्षमता में 469 गीगावाट उत्पादन का इजाफा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उत्पन्न सस्ती और स्वच्छ बिजली से राज्य में जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।