अन्ना हजारे केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर 30 जनवरी से अनशन करेंगे। शनिवार को अन्ना ने इसकी जानकारी दी है। अन्ना महाराष्ट्र में अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन करेंगे। अन्ना हजारे का कहना है कि लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र की मोदी सरकार कतई संजीदा नहीं है और इसे टाल रही है। ऐसे में वो लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए अनशन पर जाएंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 30 जनवरी से शुरू हो रहे अपने इस अनशन से राजनीतिक दलों को दूर रहने को कहा है। शनिवार को अन्ना ने कहा कि 2013 में लोकपाल कानून बना और 2014 में बीजेपी सरकार सत्ता में आई। इस सरकार से हमें उम्मीद थी कि लोकपाल की नियुक्ति को लेकर कदम उठाएगी लेकिन सरकार का रवैया इस मामले में अच्छा नहीं रहा है।
अन्ना का कहना है कि दो दर्जन से ज्यादा चिट्ठियां वो इस मुद्दे पर सरकार को लिख चुके हैं लेकिन इस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा गया। कुछ समय दिन पहले अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग की थी। अन्ना ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि लोकपाल की नियुक्ति ना करना सरकार का देश के लोगों के साथ धोखा करने जैसा है। अन्ना ने कहा कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का पालन नहीं कर रही है। जिसकी वजह से देश के लोकतंत्र को खतरा हो गया है। अन्ना हजारे ने 2011 में लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति के लिए बड़ा आंदोलन किया था। इसके बाद भी वो लगातार लोकपाल की मांग करते रहे हैं।