जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कर रहे एक आतंकी को सेना ने मंगलवार को जिंदा पकड़ लिया। लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध रखने वाले 19 साल के आतंकी अली बाबर ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। आतंकी अली बाबर ने कबूला कि वह पाकिस्तान का रहने वाला है और भारत हथियार सप्लाई करने आया था। इस काम के लिए ISI ने उसे पैसे भी दिए थे। बाबर ने बताया कि, ‘मुझे 20 हजार रुपये एडवांस मिले थे। इसके साथ उसके परिवार को 30 हजार रुपए दिए गए थे।’
घडीवाला में तीन सप्ताह तक ली ट्रेनिंग
पकड़े गए घुसपैठिए अली बाबर ने बताया कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा जिले का रहने वाला है। उसने कबूल किया वह वह लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। आतंकवादी ने खुलासा किया है कि उसे 2019 में मुजफ्फराबाद के खैबर शिविर, घडीवाला में तीन सप्ताह तक प्रशिक्षित किया गया था। बाबर को पट्टन इलाके में हथियार पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी। सेना का कहना है कि हो सकता है बाबर का काम सिर्फ हथियार पहुंचाने तक सीमित ना वह किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के प्लान का हिस्सा भी हो सकता है।
10 दिनों से नाले में छिपा था
जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि आतंकी बीते 10 दिनों से उरी के पास मौजूद एक नाले में छिपा था। फिर इसे ढूंढकर जिंदा पकड़ा गया है। उसके पास से AK-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड बरामद किए गए हैं। इस अभियान के दौरान एक आतंकवादी भी मारा गया था, इस मुठभेड़ में तीन सेना के जवान भी घायल हुए थे।
सात आतंकवादियों को मार गिराया गया
सेना के अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ की कोशिश सलामाबाद नाले के किनारे की गई थी, जो उरी चौकी पर 2016 के आत्मघाती हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने बताया, ‘‘घुसपैठ करने वाले दस्ते को पाकिस्तान की ओर से शह मिली थी और सामान ढोने वाले तीन पोर्टर नियंत्रण रेखा तक रसद ला रहे थे।” मेजर जनरल वत्स ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर आवाजाही बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान की हताशा को दर्शाता है कि जब वे कश्मीर में शांति देखते हैं तो शांति भंग करने के इरादे से सनसनीखेज तरीके से हमले करने के लिए आतंकवादियों को भेजते हैं। इतने दिनों में सात आतंकवादियों को मार गिराया गया है जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया है।”