लखनऊ । उप्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अंततः राज्य की योगी सरकार ने अपने मंत्रिमण्डल का विस्तार किया। जिसके बाद मंत्रिमण्डल विस्तार की करीब 6-8 महीने से चल रही चर्चायें शांत हुईं। रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार में सात नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में जितिन प्रसाद तथा छह अन्य को राज्य मंत्री के रुप में को शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार में एक ब्राह्मण जितिन प्रसाद के अलावा जिन छह अन्य विधायकों को शपथ दिलाई गई है वह एससी-ओबीसी जाति वर्ग से आते हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार का यह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार था। इस विस्तार में जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, राज्यमंत्री के रूप में छत्रपाल गंगवार (कुर्मी), पलटूराम (जाटव), संगीता बलवंत बिंद (निषाद), संजय कुमार गोंड (अनुसूचित जनजाति), दिनेश खटीक (सोनकर) तथा धर्मवीर प्रजापति (प्रजापति समाज) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। योगी मंत्रिमण्डल में काबीना मंत्री के रुप में शपथ लेने वाले जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। फिलहाल वह उत्तर प्रदेश में अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। केन्द्र की मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद का रुहेलखंड में काफी प्रभाव माना जाता है। वह दो बार सांसद रहे। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने। वह सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें. 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारे। इसके साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे। इनके पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे।
आगरा से आने वाले विधान परिषद सदस्य धर्मवीर प्रजापति माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। वह भाजपा के महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं। उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में समाज के लिए सेवा के कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हें प्रदेश का दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व को भी संभाला। वहीं संजीव सिंह गोंड उर्फ संजय गोंड सोनभद्र के ओबरा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं। गोंड जाति की सोनभद्र, मिर्जापुर व चंदौली समेत पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी संख्या है।
जबकि बरेली के बहेड़ी से लगातार दूसरी बार विधायक बने छत्रपाल गंगवार को भी राज्य मंत्री बनाया गया है। छत्रपाल गंगवार पिछड़ा वर्ग से हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उन्होंने लंबे समय तक काम किया था। इसके बाद भाजपा में आए। वहीं राज्य मंत्री बनायीं गयीं संगीता बलवंत बिंद निषाद समुदाय से हैं। वह गाजीपुर सदर सीट से भाजपा की विधायक हैं। वह पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। वह पहली बार विधायक चुनी गई हैं। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल हुए भाजपा विधायक पलटू राम बलरामपुर की सदर सुरक्षित सीट से जीते हैं। वह राजनीति के अलावा खेती भी करते हैं और सादगी से अपना जीवन गुजारते हैं। गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्में विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की। मेरठ के हस्तिनापुर से भाजपा विधायक दिनेश खटीक को भी राज्य मंत्री बनाया गया है। 44 वर्षीय विधायक दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था।
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