शिवसेना ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सहित गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपालों की तुलना ‘‘दुष्ट हाथी” से की और आरोप लगाया कि वे ‘‘अपने पैरों तले लोकतांत्रिक संविधान, कानून और राजनीतिक संस्कृति को कुचल रहे हैं।” महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बगैर पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में यह आरोप भी लगाया कि केंद्र उन राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए राज्यपालों का इस्तेमाल कर रहा है जहां भाजपा की सरकार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का राज्यपाल कोश्यारी के साथ असहज संबंध है। कोश्यारी अन्य मुद्दों के अलावा राज्य सरकार के कोटा से 12 विधान पार्षदों की नियुक्ति को मंजूरी देने में विलंब करने के मुद्दे पर भी प्रदेश सरकार के निशाने पर हैं। शिवसेना ने कहा, ‘‘गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल दुष्ट हाथी की तरह हैं और उनके महावत नयी दिल्ली में बैठे हुए हैं।
इस तरह के हाथी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं, कानूनों, राजनीतिक संस्कृति को अपने पैरों तले कुचल रहे हैं और नए मानक गढ़ रहे हैं।” संपादकीय में सवाल किया गया कि यह कितना उचित है कि राज्यपाल गैर भाजपा दलों की राज्य सरकारों को अस्थिर करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं। शिवसेना ने कहा कि इस तरह के प्रयास से देश की एकता प्रभावित हो रही है और यह आग से खेलने जैसा है। इसने कहा कि याद रखा जाना चाहिए कि इस तरह का काम करने से अपना ही हाथ जल जाता है और इस तरह के काम के लिए राज्यपाल के पद का इस्तेमाल किए जाने से संवैधानिक ढांचा ध्वस्त हो रहा है।