वाशिंगटन स्थित फ्रीडम हाउस की ओर से जारी ”फ्रीडम ऑन द नेट 2021: द ग्लोबल ड्राइव टू कंट्रोल बिग टेक” हेडिंग से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर इंटरनेट की स्वतंत्रता में लगातार 11वें वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट में जारी रैंकिंग में चीन और पाकिस्तान पाबंदी लगाने वाले टॉप के 10 देशों में शामिल हैं। ‘द ग्लोबल ड्राइव टू कंट्रोल बिग टेक’ की रिपोर्ट में पाकिस्तान में इंटरनेट को लेकर जारी किए गए नियमों पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, चीन और पाकिस्तान में इंटरनेट की स्वतंत्रता में गिरावट आई है।
अमेरिकी संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की ओर से बनाए गए ये नियम साइबर स्वतंत्रता के लिए घातक हैं। नए नियम में प्रावधान है कि सोशल मीडिया कंपनियों को 5 लाख से अधिक यूजर्स का व्यक्तिगत डेटा मांगने पर सरकार को सौंपना होगा। वहीं सोशल मीडिया कंपनियों को देश में एक या एक से अधिक डेटा सर्वर बनाना होगा । रिपोर्ट में इस बता का भी जिक्र है कि म्यांमार, बेलारूस और युगांडा में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका को लेकर रिपोर्ट में जानकारी दी गई है, ”नवंबर 2020 के चुनावों के बारे में झूठी और कॉन्सपिरेसी वाली सामग्री को प्रचारित करके अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था की नींव हिला दी गई। ”
वैश्किव सूची में चीन को 10 अंक मिले हैं जबकि ईरान को 16 अंक दिए गए हैं। म्यांमार को 17, क्यूबा को 21, वियतनाम 22, सऊदी अरब 24, मिस्र 25, संयुक्त अरब अमीरात 26, यूथोरिया 27 जबकि भारत को 49 अंक दिया गया है। भारत इस सूची में 31वें स्थान पर है। देशों को दिए गए अंक इंटरनेट की आजादी का स्तर बताते हैं। जिन देशों को 0 से लेकर 39 अंक मिला है उसका मतलब है कि वहां पर इंटरनेट की आजादी नहीं है। वहीं 40 से 69 अंक मिलने वाले देशों में आंशिक आजादी की बात कही गई है जबकि 70 से ज्यादा अंक वाले देशों को इंटरनेट पर आजादी की श्रेणी में रखा गया है।
ये हैं सबसे अधिक खराब स्थिति वाले 10 देश
- चीन
- ईरान
- म्यांमार
- क्यूबा
- वियतनाम
- सऊदी अरब
- पाकिस्तान
- मिस्र
- संयुक्त अरब अमीरात
- इथियोपिया
10 देश जहां है खुली आजादी
- आइसलैंड
- एस्तोनिया
- कनाडा
- कोस्टा रिका
- ताइवान
- जर्मनी
- फ्रांस
- यूके
- जॉर्जिया
- जापान