ओंकारेश्वर | सोमवार को दोपहर 12 से तीन बजे तक ओंकारेश्वर बांध के 23 गेट खोलकर सात हजार क्यूमैक्स पानी नर्मदा नदी में प्रति सेकंड छोड़ा गया। दोपहर तीन बजे पांच गेटों को पुन: बंद कर दिया गया।
बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से सभी घाट जलमग्न हो हैं। प्रशासन ने नर्मदा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पूर्व वर्ष 2013 में 18 अगस्त को ओंकारेश्वर बांध के 23 गेट को चार मीटर तक खोलकर नर्मदा नदी में 38 हजार क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया था।
बांध प्रबंधन कंट्रोल रूम के अनुसार सोमवार को दोपहर 12 बजे 18 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा था। ओंकारेश्वर बांध के महाप्रबंधक आरके सोलंकी ने बताया कि बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए तीन घंटे तक गेट खोलने की संख्या 18 से बढ़ाकर 23 कर दिया गया।
नर्मदा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी, महेश्वर, मंडलेश्वर, धामनोद, सनावद, बड़वाह, मोरटक्का और ओंकारेश्वर में प्रशासन को हाई अलर्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि इंदिरासागर बांध के गेट और खोले गए तो नर्मदा का जलस्तर बढ़ सकता है। इसे देखते हुए सभी प्रकार के बाढ़ से निपटने के इंतजाम किए जाएं।खंडवा-इंदौर मार्ग पर स्थित पुल नर्मदा नदी का जलस्तर 165.980 मीटर तक पहुंचने पर बंद होता है। जलस्तर 164 मीटर पहुंचने पर खतरे के निशान नर्मदा ऊपर बहती है। सोमवार को नर्मदा नदी का जलस्तर 162 मीटर के आसपास रिकॉर्ड किया गया है। मंगलवार को भी मोरटक्का पुल डूबने की कोई संभावना नहीं है। नर्मदा नदी अपने सामान्य जलस्तर 155.550 मीटर पर वर्ष भर बहती है।