नई दिल्ली ।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को आटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को मंजूदी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, आटो कामपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है।
उन्होंने कहा, इस योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अनुमान है कि 5 वर्षों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा और लगभग 7,60,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे।
अनुराग ठाकुर ने कहा, आटोमोबाइल उद्योग देश के विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में 35 फीसद का योगदान देता है। यह रोजगार पैदा करने में एक अग्रणी क्षेत्र है। अगर हम वैश्विक मोटर वाहन व्यापार की बात करें तो हमें भारत की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और स्थानीय बाजारों के लिए लाया गया है, ताकि हम अपने उद्योग को मजबूत कर सकें।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टेलीकाम सेक्टर में नौ संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। एजीआर की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकाम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा।
टेलीकाम सेक्टर में आटोमेटिक रूट से 100 फीसद एफडीआइ को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा पीएम मोदी ने फैसला लिया है कि कस्टमर के सभी केवाइसी फार्म को अब डिजिटाइज किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि आगे से टेलीकाम सेक्टर के लिए सभी तरह की केवाइसी डिजीटाइज्ड होगी और किसी तरह के फार्म या कागज लगाने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में करीब पांच घंटे तक मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इस बैठक को चिंतन शिविर कहा गया। बैठक में सादगी ही जीवन का तरीका है पर जोर दिया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्य क्षमता बढ़ाने को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि शासन में और सुधार के लिए ऐसे चार और चिंतन शिविर आयोजित किए जाएंगे।