धर्म के साथ हर किसी के जीवन में सफलता अहम होती है। बल्कि कहा जाता है इसे पाने के लिए ही लोग अपने जीवन में कड़ी मेहनत करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि लोग अपनी तरफ से हर तरह का संभव प्रयास करते हैं जिससे वो अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सके। मगर शास्त्रों में कहा गया है सफलता को पाने के लिए व्यक्ति कुछ हदों को पार नहीं करना चाहिए। अगर बात करें सफलता की कुंजी की तो उसके अनुसार जीवन का आनंद लेने के लिए और सफलता पाने के लिए व्यक्ति को उत्सुकता व उत्तेजित होकर किन्हीं चीज़ों को अपने ध्यान से नहीं जाने देना चाहिए। परंतु अक्सर देखा जाता है कि लोग सफलता पाने के चक्कर में इन खास चीज़ोंं को नजरअंदाज़ कर जाते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है वो चीज़ें व बातें-
भागवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य का जीवन श्रेष्ठ कार्यों को करने के लिए है तथा जीवन की सफलता प्रेम, परोपकार, ज्ञान और दान में निहित है। तो वहीं विद्वानों के अनुसार व्यक्ति कुछ गलत आदतों के कारण अपने जीवन की सुदंरता को खो देता है। और वो कारण होते क्या हैं। दरअसल कहा जाता है जाने या कभी अंजाने में व्यक्ति लोभ, स्वार्थ, अहंकार और क्रोध में अपने जीवन की सुदंरता को नष्ट कर देता है। इस स्थिति में वो न केवल सुख-शांति खोता है बल्कि व्यक्ति भीड़ में भी स्वयं को हमेशा अकेला पाता है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जिनसे आप जान सकते हैं कि व्यक्ति अपने जीवन में इन स्थितियों का सामना करने से कैसे बच सकता है।
सफलता की कुंजी के अनुसार लालच ऐसा अवगुण है जो किसी भी व्यक्ति की मानसिक शांति को नष्ट कर सकता है। शास्त्रों के अनुसार लालच कब व्यक्ति को स्वार्थी बना देता है, उसे स्वयं ही ज्ञात नहीं होता। इसलिए कहा जाता है कि लोभ व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर सकता है। अतः किसी को भी अपने जीवन में इसे जगह नहीं देनी चाहिए।
अंहकार भी किसी का जीवन खराब करने में सक्षम होता है। कहा जाता है अंहकार सबसे खराब अवगुणों में से एक है। कहा जाता है इससे जितना हो सके दूर रहना चाहिए। क्योंकि जिस व्यक्ति में अंहकारपैदा हो जाता है, उसे स्वयं के अलावा किसी और से प्रेम नहीं रहता न वह किसी और का प्रिय रहता है। इतना ही नहीं ऐसे लोग अपने जीवन में मान-सम्मान तथा आदर को पूरी तरह से खो देते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कोशिश करनी चाहिए कि अपने अंदर अंहकार को पैदा न होन दें।
आखिर में आता है झूठ। सफलता की कुंजी के मुताबिक किसी भी प्रकार की जीत पाने के लिए या सफलता को हासिल करने के लिए झूठ का सहारा न लें। बल्कि हमेशा सत्यका मार्ग ही चुनें।