भोपाल ।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार के मामले में उमरिया जिले के उद्यानिकी विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी शक के घेरे में हैं। 29 किसानों के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार में सब्सिडी देने के लिए एक ही किसान के नाम पर तीन महीने बाद नया प्रकरण बना दिया गया। फर्जी प्रकरण को नया बनाने, उसे स्वीकृत करने और सामान की आपूर्ति करने वाली कंपनी में से किसी ने भी इस गड़बड़ी पर सवाल नहीं किए।
मालूम हो, उमरिया जिले के मानपुर ब्लाक में वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को ड्रिप सिंचाई संयंत्र के लिए सब्सिडी दी गई। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की जांच में पाया गया कि 29 किसानों के नाम पर 60 फर्जी प्रकरण बनाए गए और एक ही व्यक्ति को लाभ दिया गया।
ईओडब्ल्यू ने उमरिया के तत्कालीन प्रभारी सहायक संचालक रामबहादुर पटेल और देवास की कंपनी त्यागी इंडस्ट्रीज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस योजना में किसी भी किसान को सात वर्ष में एक बार ही लाभ दिया जा सकता है, लेकिन भ्रष्टाचार के लिए विभाग के जिम्मेदारों ने नया रास्ता निकाल लिया।
सूत्रों का कहना है कि पहली बार योजना का लाभ देने के लिए जिन किसानों को चिन्हित किया गया था, उन्हें अधूरा सामान दिया गया। 50 फीट के पाइप की जगह 25 फीट का ही पाइप दिया गया। इसके बाद उन्हीं किसानों के दस्तावेजों को नए रूप में तैयार कर तीन माह बाद फिर से सामान ले लिया गया। एक ही जमीन और एक ही किसान को फर्जी आवंटन दिखाकर भुगतान के बिल अधिकारियों ने स्वीकृत कर दिए।
किसी ने आपत्ति नहीं ली
सूत्रों ने बताया कि यह घोटाला उमरिया जिले के मात्र एक विकासखंड में पकड़ में आया है। कई स्तर पर जांच के प्रविधान होने के बावजूद किसी ने इस भ्रष्टाचार की ओर ध्यान नहीं दिया। इससे शक है कि और भी अधिकारी व कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं। जांच एजेंसी अब जिले के अन्य विकासखंडों में भी इस योजना में दिए गए सामान की पड़ताल कर रही है।