जबलपुर।
सिहोरा-जबलपुर रेलवे स्टेशन के बीच शनिवार की सुबह गोंडवाना एक्सप्रेस हादसे का शिकार होने से बच गई। बताया जा रहा है कि सिहोरा से गोसलपुर के बीच रेलवे पटरी टूटी हुई थी। उसी के ऊपर से गोंडवाना एक्सप्रेस निकली। इस एक्सप्रेस के 10 डिब्बे उसी टूटी पटरी के ऊपर से गुजर गए। इसी दौरान रेलवे ट्रैक के आसपास काम कर रहे रेलवे कर्मियों की नजर टूटी पटरी पर पड़ी लेकिन तब तक गोंडवाना एक्सप्रेस उस पटरी से गुजर चुकी थी। वहीं लोको पायलट ने पूरी समझदारी के साथ ट्रेन को उस पटरी से निकाला और कुछ दूर ले जाकर रोक दिया जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया सूचना मिलते ही आनन-फानन सभी अधिकारी अलर्ट हुए और सिहोरा का अमला मौके पर पहुंचा और सुधार कार्य शुरू किया। वहीं एक घंटे के सुधार कार्य के बाद ट्रेन वापस उस पटरी से चलने लगी।
जानकारी के मुताबिक ट्रेन क्रमांक 02181 जबलपुर हजरत निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर चल रही थी। तभी उरई स्टेशन के आगे अचानक ट्रेन की पटरी टूट गई। बताया जाता है कि रेलवे ट्रैक के किनारे से गुजर रहे एक राहगीर वासुदेव की नजर अचानक टूटी पटरी पर पड़ी उसने आनन-फानन अपनी गुलाबी टी-शर्ट से ट्रेन को रोकने का प्रयास शुरू कर दिया। गोंडवाना एक्सप्रेस लोको पायलट को स्थिति समझ में आ गई और पतरा भागते हुए उसने बड़े ही समझदारी से ट्रेन की गति को धीमा करते हुए ट्रेन को रोकने की कोशिश की लेकिन जब तक ट्रेन रोक पाती तब तक उस ट्रक से 10 बोगियां निकल चुकी थी यह तो गनीमत यह रही कि ट्रेन की रफ्तार में कुछ दूर पहले से ही नियंत्रण करने के कारण सही सलामत बोगियां पटरी से निकल पाईं।
सिहोरा स्टेशन पर ट्रेनों को रोका : इस हादसे की जानकारी जैसे ही कंट्रोल द्वारा सिहोरा कटनी मैहर और सतना स्टेशन को दी गई सभी अलर्ट हो गए और इन स्टेशनों से जबलपुर पहुंचने वाली ट्रेनों को रोक दिया गया। जिसके चलते ट्रैक पर जहां-तहां ट्रेनें खड़ी हो गईं। बताया जा रहा है कि इस घटना के कारण सुबह 7:30 पर जबलपुर पहुंचने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस एक घंटे देरी से चलकर जबलपुर पहुंची तो वहीं सुबह 7:25 पर जबलपुर पहुंचने वाली संघमित्रा व 7:55 बजे जबलपुर आने वाली महाकौशल एक्सप्रेस देर से 2 घंटे देरी से चलकर मुख्य स्टेशन पर पहुंच पहुंच पाई।