दिल्ली में बारिश का सिलसिला आज भी जारी है। अगले 2 घंटे में राजधानी और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया जा रहा है। अब तक दिल्ली में 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जो 19 वर्षों में सितंबर में एक दिन में हुई सबसे अधिक वर्षा है। राजधानी में 13 सितंबर 2002 को 126.8 मिमी बारिश हुई थी। अब तक इस महीने में सबसे अधिक 172.6 मिमी बारिश 16 सितंबर 1963 को हुई थी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में हर साल सितंबर में औसतन 125.1 मिमी बारिश होती है। इसका मतलब है कि दिल्ली में इस महीने के पहले दिन ही, पूरे महीने की बारिश हो गई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पालावत ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून की प्रवृत्ति बदल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले चार से पांच साल में बारिश के दिनों की संख्या कम हो गयी है और खराब मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
दिल्ली में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक महज छह घंटों में 84 मिमी बारिश हुई जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और आईटीओ, आईपी एस्टेट पुल के पास रिंग रोड, धौला कुआं और रोहतक रोड पर भारी जाम लग गया। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, कहा कि सात सितंबर से बारिश का एक और दौर शुरू होने की संभावना है।’ सितंबर के लिए अपने पूर्वानुमान में आईएमडी ने कहा, ‘‘उत्तरपश्चिम के कई इलाकों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश की संभावना है।’’
दिल्ली यातायात पुलिस ने भारी जलभराव के कारण मदर टेरेसा क्रीसेंट मार्ग, मायापुरी चौक, घिटोरनी मेट्रो स्टेशन से एमजी रोड और अधचिनी से किशनगढ़ की तरफ यातायात जाम रहने को लेकर परामर्श जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि तेज बारिश से भूजल स्तर बढ़ने में मदद नहीं मिलती और इससे निचले इलाकों में जलभराव हो जाता है। अगर चार से पांच दिनों तक धीमी-धीमी बारिश होती है तो पानी रिसकर जमीन तक पहुंचता है। भारी बारिश होने पर, पानी तेजी से बह जाता है।