भारतीय रेलवे ने 58 नई वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन के लिए टेंडर जारी किया है। विभाग का लक्ष्य है कि अगले साल 23 अगस्त तक 75 वंदे भारत ट्रेनों की परिचालन शुरु कर दिया जाए। रेलवे अधिकारियों ने मुताबिक इस साल की शुरुआत में 44 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टेंडर जारी किया गया था और अब 58 और ट्रेनों के टेंडर के साथ 2024 तक 102 वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी। टेंडर की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर, 2021 रखी गई है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी स्वतंत्रता दिवस पर 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की है।
वंदे भारत ट्रेन के लिए नए कोचों का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी, रायबरेली स्थित माडर्न कोच फैक्टरी और कपूरथला स्थिति रेल कोच फैक्टरी में किया जाएगा। भारतीय रेलवे ने बीते वर्ष सितंबर महीने में 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों की खरीद के लिए एक संशोधित टेंडर जारी किया था, जिसमें 75 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जो के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाया गया था। बाद में सरकार ने इस परियोजना के लिए तीन वैश्विक टेंडरों को रद्द कर दिया था। एक अधिकारी ने बताया कि 28 अगस्त को नए टेंडर जारी होने के बाद अब मार्च, 2024 तक रेलवे को ऐसी 102 ट्रेनों की आपूर्ति की जाएगी।
वंदे भारत ट्रेनों में क्या है खास?
वंदे भारत अडवांस फीचर्स से लैस, लोकोमोटिव इंजन के बिना दौड़ने वाली देश की पहली ट्रेन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। वर्तमान में वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटे है, जिसे आगे चलकर 130 किमी प्रति घंटे तक किया जाएगा। आने वाली नई वंदे भारत ट्रेनें आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी, जिसमें आपात स्थिति में लोगों को बचाने में मदद के लिए मॉडर्न फीचर्स को शामिल किया गया है। साथ ही इसमें जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी कैमरे, स्वचालित स्लाइडिंग डोर तथा वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं।