जबलपुर ।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने नर्मदा को प्रदूषण-मुक्त करने अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत नर्मदा को ओजोला वनस्पति से निजात दिलाई जाएगी। साथ ही नालों के मिलने की समस्या का भी निवारण किया जाएगा। राज्य शासन ने इस सिलसिले में निर्देश जारी किए थे। जिन्हें गंभीरता से लिया गया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच लंबे समय से नर्मदा के प्रदूषण को लेकर आवाज उठाता आया है। उसने हाई कोर्ट व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिकाएं भी दायर की थीं। जिनकी सुनवाई के बाद समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी हुए। इन्हीं के प्रकाश में बोर्ड ने काम को गति दी है। अब नर्मदा किनारे सभी घाटों पर मानीटरिंग होगी।
बनाई जा रही खाद : कचरा डालने के लिए नगर निगम के अलावा स्वयंसेवी संगठनों की मदद से कचरापेटी रखवाई जा रही हैं। खाद बनाने का भी अभियान तेज है। इसके लिए एनजीओ सक्रिय हैं। पूर्व में यह अभियान सफल हुआ था। सिमरन सिंह बताती हैं कि उनके एनजीओ ने इस दिशा में ठोस कार्य किया था। लिहाजा, फिर से काम मिला तो खाद बनाई जाएगी। इससे नर्मदा का प्रदूषण भी दूर होगा और एक नया रोजगार सृजित हो जाएगा। नर्मदा की सफाई को लेकर कारसेवा का भी निर्णय लिया गया है। इस दिशा में कई संगठनों ने अभिरुचि दिखाई थी। एक बार फिर वे आगे आएंगे तो नर्मदा का बहुत सारा कचरा निकल जाएगा। नर्मदा में अवैध रेत खनन पर भी ठोस अंकुश सुनिश्चित होगा। इसे लेकर एक जनहित याचिका दायर की जाएगी। जिसके बेहतर परिणाम निकलेंगे, ऐसा माना जा रहा है।