यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, एसजीपीजीआई में थे भर्ती

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लखनऊ: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का अभी-अभी निधन हो गया. वह सांस की समस्या से पीड़ित थे. राजधानी के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में उनका इलाज चल रहा था.

बता दें कि बीते साल सितंबर माह में उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के कुछ दिन बाद कल्याण सिंह को गाजियाबाद के कौशाम्बी यशोदा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. अक्टूबर 2020 में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और वे घर आ गए थे. 3 जुलाई 2021 को हालत बिगड़ने पर कल्याण सिंह को लोहिया संस्थान में दोबारा भर्ती कराया गया था.

लोहिया संस्थान में जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री में अनियंत्रित ब्लड शुगर, एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन की शिकायत पाई गई थी. उनके शरीर में सूजन और संक्रमण मिला था. मस्तिष्क के सीटी स्कैन में खून का थक्का भी पाया गया. इसके अलावा माइनर हार्ट अटैक भी लक्षण पाए गए थे. इसके बाद उन्हें लोहिया संस्थान से 4 जुलाई 2021 को उन्हें एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था. एसजीपीजीआई में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था. 19 जुलाई 2021 को कल्याण सिंह की हालत गंभीर होने पर अस्पताल प्रशासन ने परिवार के लोगों को भी अस्पताल बुला लिया गया था.

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई नेताओं ने मुलाकात कर उनका हालचाल लिया था. 20 जुलाई 2021 को उन्हें देखने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी पहुंची थी. इसके अगले दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी उनका हाल जानने एसजीपीजीआई सीएम योगी के साथ पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कल्याण सिंह की सेहत की जानकारी ले रहे थे. सीएम योगी हर दूसरे दिन पीजीआई अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे. वे पिछले 52 दिन से वेंटीलेटर पर थे. बीच में उनके किडनी फंक्शन में बीच में कुछ सुधार आया था, लेकिन एक बार फिर उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी. निदेशक डॉक्टर आर के धीमान के मुताबिक, उनकी हालत गम्भीर थी. संक्रमण के चलते उनके फेफड़े का फंक्शन बिगड़ गया था. किडनी काम न करने से डायलिसिस भी की जा रही थी.

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