इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज कार्यपरिषद की बैठक शुक्रवार को एमवाय अस्पताल के सभागृह में आयोजित की गई। जहां बैठक रखी गई, वहां दीवार से पानी का रिसाव होता देख संभागायुक्त व कार्यपरिषद के अध्यक्ष आकाश त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने वहां मरम्मत का आदेश भी दिया। साथ ही अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर परिसर के रखरखाव और आधुनिक ऑपरेशन थिएटर विकसित करने के भी निर्देश दिए।
संभागायुक्त ने एमवाय अस्पताल पहुंचकर बर्न यूनिट का जायजा लिया। उन्होंने बोन मैरो यूनिट में हर माह कम से कम एक ऑपरेशन करने का लक्ष्य बनाने का निर्देश दिया। बैठक में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ज्योति बिंदल, अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर, अपर आयुक्त रजनीश कसेरा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने संभागायुक्त को बताया कि मंगलवार तक बर्न यूनिट खाली की जाएगी। नई यूनिट का निर्माण अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में आयुष्मान योजना की प्रगति पर चर्चा की गई। संभागायुक्त ने मरीजों के परिजन के रुकने के लिए बनाए जा रहे गेस्ट हाउस को 300 से 500 बिस्तर की क्षमता तक प्लान करने का निर्देश दिया। बोन मैरो यूनिट में मरीजों की संख्या बढ़ाने के प्रयास करने और कम से कम एक मरीज का चयन कर सशुल्क ऑपरेशन करने का सुझाव भी दिया।
किचन के कर्मचारी संभालेंगे स्ट्रेचर व्यवस्था
अस्पताल में भोजन की व्यवस्था खजराना गणेश मंदिर प्रबंध समिति को दिए जाने के बाद वहां से 10-12 कर्मचारी भोजन व्यवस्था के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में एमवाय अस्पताल के किचन (रसोईघर) कर्मचारियों को स्ट्रेचर मैनेजमेंट संभालने के निर्देश दिए गए।
दो पास के बाद लगेंगे 20 रुपए
पिछली बैठक में मरीज के साथ आए परिजन को एक के बजाय दो पास जारी करने का आदेश दिया गया था। इसे और बेहतर बनाते हुए दो फ्री पास के बाद भी पास की आवश्यकता होने पर 20 रुपए प्रति पास राशि निर्धारित की गई। यह केवल एक दिन के लिए ही मान्य होगा। इससे उन मरीजों को फायदा होगा, जिनके घर से एक ही व्यक्ति ज्यादा दिन तक अस्पताल में नहीं रह सकता। उसकी जगह मरीज के पास अन्य परिजन भी देखरेख के लिए मौजूद रह सकेंगे। एक सितंबर से यह व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया गया।
ये भी दिए निर्देश
-अस्पताल परिसर में नगर निगम द्वारा कराए जा रहे ड्रेनेज सुधार कार्य समय पर पूरा करें।
-वाटर प्रूफिंग का काम लोक निर्माण विभाग, नगर निगम व गृह निर्माण मंडल आपसी समन्वय से पूरा करें।
-शौचालय मरम्मत के लिए जल्द टेंडर जारी करें।
-अस्पताल से अनुबंध करने वाली एचएलएल एजेंसी व नगर निगम की टीम समन्वय बनाकर परिसर के बाहर सफाई करें।
-अस्पताल परिसर में रात को लाइट की व्यवस्था और परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाए