लखनऊ ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव के पिता को अब्बाजान कहकर बुलाया तो समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विधान परिषद में हंगामा कर दिया। भाजपा और सपा सदस्यों के बीच खूब नोकझोंक हुई। सीएम योगी ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि अब्बाजान कब से असंसदीय शब्द हो गया। योगी ने कहा कि सपा को मुस्लिम वोट तो चाहिए, लेकिन अब्बाजान शब्द से परहेज है। वोट बैंक की राजनीति बंद होनी चाहिए। इससे पहले भी एक टीवी चैनल पर सीएम योगी ने जब मुलायम सिंह यादव का नाम लिए बिना अब्बाजान कहा था, तब अखिलेश यादव ने विरोध जताया था।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को उच्च सदन में कोरोना महामारी की रोकथाम में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाने वाले विपक्ष का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कोरोना वैक्सीन के मसले पर अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि वे कौन चेहरे थे, जो कह रहे थे कि वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। पहले इन्होंने मोदी व भाजपा की वैक्सीन बताकर भ्रम फैलाया। इनके कारण जिन्होंने बगैर वैक्सीन के जान गंवाई, यह उनके अपराधी हैं। योगी ने कहा- पहले अब्बाजान ने वैक्सीन लगवाई, तब बोले हम भी वैक्सीन लगवाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कथन पर सपा सदस्यों ने हंगामा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा ठीक नहीं है। इसके बाद सपा सदस्य वेल में आ गए। 10 मिनट तक सदन अव्यवस्थित रहा। नेता विरोधी दल अहमद हसन सहित अन्य ने भी सीएम की भाषा शैली पर विरोध प्रकट किया तो योगी ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे संसदीय भाषा का ज्ञान दे रहे हैं, जबकि इनकी पार्टी के सांसद तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। वैक्सीन को लेकर विपक्ष पर दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को वैक्सीन लग रही है। कोरोना से जान गंवाने वालों के स्वजन के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मौत के आंकड़ों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश कोरोना की जांच व वैक्सीन लगाने के मामले में नंबर वन है।