नई दिल्ली: एटीएम धारकों के लिए काफी अच्छी खबर है। एटीएम इस्तेमाल करने वालों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी राहत दी है। जी हां फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन पर भारतीय रिजर्व बैंक ने सफाई दी है। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वह एटीएम पर होने वाले फेल ट्रांजैक्शंस या एटीएम में नकदी न होने जैसे ट्रांजैक्शंस को लोगों को हर महीने मिलने वाले फ्री ट्रांजैक्शंस में गिनती न करे।
बैंको को जारी किया गया सर्कुलर
बता दें कि आरबीआई ने बैंकों को जारी सर्कुलर में कहा, ‘हमारे संज्ञान में आया है कि एटीएम में नकदी न होने, इनवैलिड पिन या तकनीकी कारणों से फेल होने वाले ट्रांजैक्शंस को भी फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस में गिन लिया जाता है। इन ट्रांजैक्शंस को वैलिड एटीएम ट्रांजैक्शंस नहीं मानना चाहिए और इन पर कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा। इसके साथ ही आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि जिस बैंक का कार्ड है, उसी के एटीएम में बैलेंस इन्क्वॉयरी, चेक बुक रिक्वेस्ट, टैक्स पेमेंट, फंड ट्रांसफर आदि जैसे नॉन-कैश विद्ड्रॉल ट्रांजैक्शंस भी फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस का हिस्सा नहीं होंगे।
जान लें क्या हैं फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस के नियम
- जानकारी दें कि आमतौर पर जिस बैंक का कार्ड है, उसी के एटीएम में महीने में अधिकतम 5 ट्रांजैक्शंस फ्री मिलते हैं। वहीं बात करें अन्य बैंक के एटीएम की तो महीने में अधिकतम 3 या 5 ट्रांजैक्शंस फ्री मिलते हैं।
- आपको बता दें कि दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में 3 ट्रांजैक्शंस ही फ्री मिलते हैं।
- फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा नो-फ्रिल्स या छोटे बचत खातों पर लागू नहीं होती है।
- फ्री लिमिट के बाद ट्रांजैक्शन चार्ज 20 रुपए लगते हैं।
- बैंक चाहें तो अधिक संख्या में फ्री ट्रांजैक्शन की पेशकश कर सकते हैं।
ये सुविधा अबतक ट्रांजेक्शन में ये मिली थी
नोटबंदी के बाद कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए अधिकतर बैंकों ने धन निकासी समेत एटीएम से कोई भी सेवा लेने को ट्रांजेक्शन माना था और एक महीने में अधिकतम पांच बार ही ट्रांजेक्शन की सुविधा दी थी। दूसरे बैंक के एटीएम से अधिकतम तीन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे अधिक होने ट्रांजेक्शन पर बैलेंस इन्क्वायरी में दस रुपये और धन निकासी में बीस रुपये सेवा शुल्क लगता है। ये पैसे ग्राहकों के खाते से कट जाते हैं।
आरबीआई ने एटीएम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बैंकों को दिये नये निर्देश
वहीं दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बैंकों को नए निर्देश दिए हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि सितंबर के अंत तक सभी एटीएम दीवार, जमीन या खंभे से जुड़े होने चाहिए। बेहद सुरक्षित परिसरों मसलन हवाई अड्डों में लगे एटीएम को इन निर्देशों से छूट होगी। रिजर्व बैंक ने 2016 में सुरक्षा के सभी पहलुओं की समीक्षा के लिए नकदी की आवाजाही पर समिति (सीसीएम) गठित की थी। सुरक्षा उपायों के तहत तय किया गया है कि नकदी डालने के लिए एटीएम का परिचालन सिर्फ डिजिटल वन टाइम कम्बिनेशन (ओटीसी) लॉक के जरिये किया जाएगा।
एटीएम ट्रांजैक्शन के फेल होने पर बैंक देगी जुर्माना
जानकारी दें कि एटीएम से कैश निकालते वक्त ट्रांजैक्शन फेल होने की वजह से पैसा अटक जाता है। लेकिन दूसरी तरफ आपके पास खाते से पैसे कटने का मैसेज भी आ जाता है। खाते में बैलेंस होने के बावजूद एटीएम से ट्रांजैक्शन फेल होने यानि पैसा नहीं निकलने की शिकायतों को बैंकिंग लोकपाल ने गंभीरता से लेते हुए नया नियम बनाया है। इस नियम के अनुसार बैंकों को हर्जाने के तौर पर रोजाना 100 रुपये का जुर्माना देना होगा।
हालांकि बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि एटीएम फेल होने की वजह से अगर आपके सेविंग्स अकाउंट से पैसे कट जाते हैं तो बैंक की तरफ से आपको मुआवजा मिलेगा। शिकायत करने के 7 दिनों के भीतर अगर आपका पैसा वापस नहीं आता तो बैंक को हर दिन 100 रुपए के हिसाब से मुआवजा देना होगा।