वॉशिंगटन(एजेंसी) : अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसला का दृढ़ता से बचाव करते हुए, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को माना कि अमेरिका की उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से युद्धग्रस्त देश में स्थिति में बदलाव आया.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा और अफगान सरकार के गिरने के बाद अपने पहले संबोधन में, बाइडेन ने वहां की मौजूदा स्थिति के लिए अफगान नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अफगान नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए, इसलिए सेना का पतन हो गया.
उन्होंने कहा, मैं अपने फैसले के पीछे खड़ा हूं. 20 साल बाद मैंने कठिन तरीके से सीखा है कि अमेरिकी सेना को वापस लेने का कोई अच्छा समय नहीं था और इसलिए हम अभी भी वहां हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम जोखिम के बारे में स्पष्ट थे. हमने हर हालात के लिए योजना बनाई थी, लेकिन यह हमारी अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से सामने आया. अफगानिस्तान के राजनीतिक नेताओं ने हार मान ली और देश से भाग गए, इसलिए सेना का मनोबल टूट गया.
गौरतलब है कि तालिबानी लड़ाकों ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित राष्ट्रपति महल पर कब्जा कर लिया. इससे पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था और उनकी सरकार गिर गई थी.
अफगानिस्तान संकट को लेकर अमेरिका की आलोचना हो रही है. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए कड़ी आलोचना का सामना करने के बावजूद, राष्ट्रपति अपने फैसले पर दृढ़ हैं.