भोपाल में 16 मेट्रिक टन से अधिक के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट 1 सितम्बर तक पूरी तरह तैयार होंगे

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भोपाल ।

शहर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में यदि कोई समस्या आ रही है या किसी अनुमति की आवश्यकता है तो उसके लिए तुरंत संपर्क करें जिससे उनकी कठिनाइयों को दूर किया जा सके। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए 9500 के लगभग बेड तैयार हैं, इसमें दो हजार 500 आईसीयू बेड भी सम्मिलित है। विभिन्न अस्पतालों ऑक्सीजन प्लांट को तैयार कर लिया गया है। भोपाल में ऑक्सीजन की के 15 ऑक्सीजन प्लांट अलग-अलग अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं जिनकी क्षमता 16 से 20 मेट्रिक टन प्रतिदिन उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही 180 मीट्रिक ऑक्सीजन की स्टोरेज की क्षमता विकसित कर ली गई है और। 100 मिट्रिक टन आईनॉक्स द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई दे सकती है। यह बात कलेक्टर अविनाश लवानिया ने गुरुवार को कही। वे भोपाल के शासकीय, निजी चिकित्सालय, मेडिकल कालेज के संचालकों, अधीक्षकों की बैठक में तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। कलेक्टर अध्यक्षता में आयोजित बैठक में चिरायु ,एलएनसीटी, पीपुल्स ,जेके हमीदिया, आरकेडीएफ, कस्तूरबा, कमला नेहरू, जेपी ,हमीदिया, के साथ-साथ अन्य सभी बड़े चिकित्सालय के अधीक्षक और संचालक उपस्थित रहे। बैठक में अपर कलेक्टर संदीप केरकट्टा ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि भोपाल में लगातार तीसरी लहर को देखते हुए काम तेजी से किया जा रहा है बच्चों के इलाज के लिए भी वर्तमान में 200 आईसीयू ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए गए हैं, उसकी क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है।

10 वर्ष की उम्र के बच्चों के इलाज के लिए करें विशेष प्रविधान

जीरो से 10 वर्ष की उम्र के बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए है। इन बच्चों के साथ उनके माता-पिता में से किसी एक को रखना अनिवार्य होगा, तो सारी व्यवस्था इस प्रकार से की जाए जिससे बच्चों के इलाज के समय किसी प्रकार की समस्याओं का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही सभी हॉस्पिटल संचालकों को कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए अपने सभी नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए इसके लिए उन्होंने चिरायु अस्पताल के अजय गोयंका को निर्देशित किया कि वे सभी अस्पतालों के आग्रह करने पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित करे और केंद्रीकृत ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाए। सभी अस्पताल भी अपने स्तर पर विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था करें जिससे कि सभी स्टाफ पूरी तरह से प्रशिक्षित हो विशेषकर छोटे बच्चों के इलाज के समय विशेष व्यवस्थाएं होना आवश्यक है।

98 से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग, 300 मेट्रिक टन उत्पादन की क्षमता

इसके साथ ही बताया गया कि भोपाल में सभी अस्पतालों में ढाई हजार से अधिक आईसीयू वर्तमान में तैयार कर लिए गए हैं। भोपाल में ऑक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहेगी। बैठक में संदीप केरकेट्टा ने बताया कि भोपाल में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान अधिकतम डिमांड 98 से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग और उपलब्धता रही थी, उसकी तुलना में इस बार 300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध रहने की संभावना है सभी बड़े अस्पतालों द्वारा अपने स्वयं के ऑक्सीजन प्लांट लगभग तैयार कर लिए गए हैं और शेष बचे हुए ऑक्सीजन प्लांटों को आने वाले 15 दिनों में पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा। सभी प्लांट में ऑक्सीजन जेनरेशन और सप्लाई शुरू कर ली जाएगी इसके साथ-साथ बड़े सिलेंडर सभी अस्पतालों में उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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