शास्त्रों की बात
सनातन संस्कृति में नाग को पूजनीय माना गया है। हर साल श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। यह दिन पूर्ण रूप से नाग देवता को समर्पित है। इस दिन नाग देवता के लिए व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई अन्य प्रकार के भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। कालसर्प दोष निवारण हेतु आप भी नाग पंचमी पर विशेष लाभ उठा सकते हैं :
श्री यंत्र पूजा स्थान पर रखें। नाग पंचमी पर नागमंदिर में दूध चढ़ाएं। कांसे की थाली में हलवा बना कर बीच में चांदी का सर्प रख कर दान करें। शिव आराधना करें। सवा मीटर नीला वस्त्र, नारियल, काले तिल, शीशा, सफेद चंदन, काला-सफेद कम्बल, सरसों का तेल, सात अनाज दान करें। सूर्य-चंद्र ग्रहण या नाग पंचमी पर रुद्राभिषेक करवाएं, चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा तांबे के पात्र में शहद भर के रखें पूजा के बाद विसर्जित कर दें।
ओम् रां राहूवे नम: तथा ओम कें केतवे नम: का 108 बार जाप करें। पुष्य नक्षत्र या सोमवार को महादेव पर जल एवं दूध चढ़ाएं। महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करें या कैसेट सुनें। ओम नम: शिवाय का जाप करें। मध्यमा में नाग की अंगूठी पहनें। सर्प को दूध पिलाएं। कालसर्प योग की अंगूठी, लाकेट, यंत्र, गोमेद या लहसुनिया की अंगूठी धारण की जा सकती है। 500 ग्राम का पारद शिवलिंग बनवा के रुद्राभिषेक कराएं।
ओम नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु, ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम: स्वाहा!! का 31000 मन्त्र जाप करें।
मंगल या शनिवार हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर, चमेली का तेल, लाल चोला या झंडा चढ़ाएं। महामृत्युंज्य मंत्र की एक माला करें या श्रावण मास में रुद्राभिषेक करवाएं। एकाक्षी नारियल पर चंदन से पूजन कर के 7 बार सिर से घुमा के प्रवाहित कर दें।
नाग पंचमी पर वट वृक्ष की 108 प्रदक्षिणा करें।
कालसर्प दोष में सहायक मयूर पंख
मयूर कार्तिकेय तथा विद्यादायिनी सरस्वती का वाहन है।
मोर की सर्प से शत्रुता है इसलिए कालसर्प दोष से ग्रसित लोगों के लिए मोर पंख सहायक माना जाता है।
इसे पूजा गृहों के अलावा पाठ्य पुस्तकों में रखा जाता है।
तकिए के अंदर सोमवार के दिन 7 मोरपंख डालें, बच्चा चौंकेगा नहीं, सांपों के सपने नहीं आएंगे।
शयनकक्ष की पश्चिमी दीवार पर 11 पंखों का पंखा बना कर लगा दें।
घर के दक्षिणी-पूर्व कोने में मोर पंख लगाने से बरकत बढ़ेगी।
लॉकर्स या धनस्थान या गल्ले में रखने से धन, सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
ताबीज में मोर पंख भर कर बच्चे को पहनाएं, डरेगा नहीं।
कालसर्प दोष एवं संतान प्राप्ति के लिए इसे शयन कक्ष में रखना अति उत्तम होता है।