उज्जैन ।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के समीप चल रही खोदाई में मंगलवार को विशाल शिवलिंग निकला है। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा फिलहाल खोदाई स्थल को सुरक्षित करा दिया गया है। मामले की सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्रसिंह जोधा को दे दी है। दो दिन पहले ही बारिश के चलते विभाग ने यहां खोदाई का काम बंद किया था। बताया जाता है लगातार बारिश के चलते मिट्टी के हटने से शिवलिंग दिखाई देने लगा है।
महाकाल का आंगन बीते दो माह से धर्म, संस्कृति, स्थापत्यकला व प्राचीन इतिहास के नित नए रहस्य उगल रहा है। मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही खोदाई में अब तक पुरातन मंदिर का आधार भाग, स्थापत्यखंड, शुंग व कुषाण काल में निर्मित मिट्टी के बर्तन तथा ब्लैक बेसाल्ट का विशाल परिक्रमा पथ सामने आ चुका है।
मंगलवार को भूगर्भ से विशाल शिवलिंग निकलने के बाद यहा मंदिर की श्रंखला होने की संभावना को बल मिला है। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया शिवलिंग को सबसे पहले मजदूरों ने देखा तथा मंदिर प्रशासन को इसकी सूचना दी।
इसके बाद मंदिर के अधिकारियों ने खोदाई स्थल का निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया शिवलिंग व जलाधारी नजर आ रही है। इस स्थान पर पुरातत्व विभाग द्वारा खोदाई की जा रही है। इसलिए हमने शिवलिंग के आसपास से मिट्टी निकालने का प्रयास नहीं किया है। बल्कि उस स्थान को लोहे की चद्दर से ढंक कर सुरक्षित करा दिया है। मामले की सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्रसिंह जोधा को दी है। आगे की खोदाई उनके मार्गदर्शन में की जाएगी।
मिट्टी हटने से दिखने लगा शिवलिंग
शोध अधिकारी डा.ध्रुवेंद्रसिंह जोधा ने बताया पुरातत्व विभाग ने बारिश के कारण रविवार से खोदाई का काम बंद कर रखा है। जिस स्थल पर शिवलिंग निकलने की बात कही जा रही है, वहां हमारे द्वारा की जा रही खोदाई में पत्थर की लेयर नजर आ रही थी। दो दिन की बारिश में मिट्टी के हटने से शिवलिंग का भाग दिखाई देने लगा होगा। मंगलवार शाम मंदिर के अधिकारियों से मेरी चर्चा हुई है। शुक्रवार तक यथा स्थिति कायम रहेगी, इसके बाद विभाग दल शिवलिंग को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए खोदाई शुरू करेगा।
शैव दर्शन का का बड़ा केंद्र है खोदाई स्थल
परमहंस संत डा.अवधेशपुरीजी महाराज ने कहा कि महाकाल मंदिर के सीपम खोदाई में पुरातन मंदिर का भाग, स्थापत्यखंड, मूर्तियां और अब विशाल शिवलिंग मिला है। यह स्थान आने वाले समय में शैव दर्शन का बड़ा शोध केंद्र बनेगा। मैंने एक सप्ताह पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नईदिल्ली को पत्र लिखकर यहां शोध केंद्र स्थापित करने की मांग की है।