रायपुर।
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष एक नवंबर से सरकार धान खरीदी शुरू कर सकती है। मंगलवार को प्रस्तावित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। बैठक में धान खरीदी के साथ ही कस्टम मिलिंग की नीति की भी समीक्षा की जाएगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक मंगलवार दोपहर 12 बजे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में होगी। बैठक मंत्री भगत के निवास कार्यालय सरगुजा कुटीर में प्रस्तावित है।
इस बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा की जाएगी। बैठक में आगामी वर्ष में समर्थन मूल्य में धान खरीदी की प्रारंभिक स्थिति की तैयारियों पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल भी शामिल होंगे।
अफसरों ने बताया कि बैठक में धान बेचने के लिए किसानों के पंजीयन की तारीख भी तय कर दी जाएगी। पिछले साल धान खरीदी को लेकर हुए विवाद को देखते हुए इस वर्ष धान खरीदी एक नवंबर से शुरू करने की योजना है। अफसरों ने बताया कि इस वर्ष धान का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इसे देखते हुए खरीदी का लक्ष्य भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि केंद्र सरकार ने इस बार राज्य से कितना चावल लेने की सहमति दी है।
बता दें कि पिछले साल एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हुई थी। इसे विपक्ष ने मुद्दा बना लिया था, किसान भी नाराज थे। वहीं, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को दी जा रही प्रोत्साहन राशि को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति करते हुए राज्य से लिए जाने वाले चावल का कोटा कम कर दिया था। इससे प्रदेश में करीब 11 लाख टन से अधिक धान बच गया था, जिसे सरकार को खुले बाजार में बेचना पड़ा।