उज्जैन ।
श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार हाकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। कोविड गाइड लाइन के अनुसार सवारी का स्वरूप छोटा रहेगा। मंदिर प्रशासन ने पुजारी, पुरोहित की सहमति से उमा महेश का मुखारविंद नहीं निकालने का निर्णय लिया है। मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण-भादौ मास की प्रत्येक सवारी में भगवान का एक नया मुखारविंद शामिल किया जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो सालों से सवारी के स्वरूप में बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार श्रावण भादौ मास की प्रथम छह सवारी में भगवान महाकाल के सिर्फ दो मुखारविंद चंद्रमौलेश्वर व मनमहेश को शामिल किया जाएगा। बताया जाता है शेष पांच मुखारविंद 6 सितंबर को निकलने वाली शाही सवारी में एक साथ बैलगाड़ी पर निकलेंगे।
सोमवार को अग्रिम बुकिंग के आधार पर होंगे दर्शन
श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर भक्तों को सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक अग्रिम बुकिंग के आधार पर भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। सोमवार को सामान्य प्रोटोकाल तथा 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट की सुविधा बंद रहेगी।
30 हजार से अधिक भक्तों ने किए दर्शन
महाकाल मंदिर में रविवार को अवकाश का दिन होने से देशभर से भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। सुबह 5 बजे से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 9 बजे तक चला। इस दौरान 30 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।