नई दिल्ली| अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बिना नाम लिए पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह कहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और अगस्त माह के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि आतंक को पनाह देने वालों की जिम्मेदारी तय किए जाने की जरूरत है। तिरुमूर्ति ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए क्षेत्र में आतंकवादियों की पनाहगाहों को फौरन नष्ट किए जाने और आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित करने पर जोर दिया।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देश और क्षेत्र को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से खतरा नहीं हो। आतंकवाद के सभी स्वरूपों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, यह सुनिश्चित करना भी समान रूप से जरूरी है कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल आतंकवादी समूह किसी अन्य देश पर हमले के लिए नहीं कर पाएं। आतंकवादी संगठनों को सामग्री से एवं वित्तीय मदद करने वालों को अवश्य ही जवाबदेह ठहराने की जरूरत है।
तिरुमूर्ति ने 15 सदस्यीय यूएनएससी से कहा कि वक्त आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासतौर पर यह परिषद स्थिति का जायजा ले और स्थायी एवं व्यापक संघर्ष विराम में मदद करने वाली कार्रवाई पर फैसला करे तथा हिंसा पर फौरन रोक लगाये जाना सुनिश्चित करे। इसमें किसी तरह की कमी होने पर क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा होगा
भारत ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान का अतीत उसका भविष्य नहीं हो सकता और क्षेत्र में आतंकवादियों की पनाहगाह को फौरन नष्ट किया जाए तथा आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित की जाए। साथ ही, भारत ने जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) हिंसा पर फौरन रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने के बारे में फैसला करे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते वहां की मौजूदा स्थिति हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है। हिंसा कम होने का संकेत नहीं दिख रहा है।