ED ने एक बार फिर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के तीन ठिकानों पर छापेमारी की है। उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामलों की जांच चल रही है। इसी सिलसिले में सबूतों की तलाश कर रही ED की टीम ने अनिल देशमुख के नागपुर स्थित तीन ठिकानों पर रेड डाली। उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख ED के समन को लगातार नकार रहे हैं और चौथे समन में भी ED के दफ्तर नहीं पहुंचे। उन्होंने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और वो इसी उम्मीद में ED के सामने पेश होने से बच रहे हैं। ED ने धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत अनिल देशमुख को तलब किया था, क्योंकि एजेंसी मामले में उनका बयान दर्ज करना चाहती है।
ED ने इससे पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए तीन बार समन भेजा, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चौथा समन भेजते हुए अनिल देशमुख और उनके बेटे हृषिकेश देशमुख को सोमवार को दक्षिण मुंबई में जांच एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके जवाब में देशमुख ने अपने अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह के माध्यम से ईडी को दो पन्नों का पत्र भेजा और कहा कि वह अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं।
अवैध धन उगाही के मामले में बंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले में आरंभिक जांच शुरू की, जिसके बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। अदालत ने सीबीआई से अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने को कहा था। इसी मामले में अब ED ने भी जांच शुरु कर दी है, लेकिन जांच के दौरान धन शोधन का मामला भी सामने आया है।