भोपाल। अपराध मुक्त प्रदेश बनाने के लिए जो कानून यूपी की योगी सरकार बना रही है, कुछ उसी राह पर अब एमपी की शिवराज सरकार भी चलती नजर आ रही है. अपाधियों के मामले में कई बार दोनों सीएम एक जैसे फैसले लेते हुए नजर आते हैं, फिर चाहे वो लव जिहाद के खिलाफ कानून हो या फिर एमपी में ऑर्गनाइज्ड क्राइम रोकने के लिए गैंगस्टर (गुंडा) एक्ट में सख्त प्रावधान लागू करने की तैयारी हो. ऐसे में अब शिवराज सरकार ने गैंगस्टर (गुंडा) एक्ट में प्रावधान का ड्राफ्ट बनाने की कमान गृह और विधि विभाग के अधिकारियों को सौंप दी है.
गैंगस्टर एक्ट में सख्त प्रावधान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम के निर्देश के बाद से ही गृह विभाग ने गैंगस्टर एक्ट का ड्राफ्ट तैयार करना शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में गृह और विधि विभाग के अधिकारियों की एक मीटिंग भी हो चुकी है. मीटिंग में लिए गए फैसले के अनुसार, यूपी के गैंगस्टर (गुंडा) एक्ट में शामिल सख्त प्रावधानों को शामिल करने का निर्णय लिया है. दरअसल, ये कानून तब चर्चा में आ गया, जब मार्च, 2021 में योगी सरकार ने संशाोधित विधेयक विधानसभा से पारित कराया. हालांकि यूपी में यह कानून 1970 से ही लागू है.
ये अपराध होंगे शामिल
मालूम हो कि यूपी की योगी सरकार सब से सत्ता में आई है, तभी से अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार किए हुए है. जोकि देशभर में आए दिन चर्चा का विषय भी बना रहता है. इसी तर्ज पर अब एमपी की शविराज सरकार भी प्रदेश में अपराध के खात्मे के लिए एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रही है, फिर चाहे वो यूपी की तर्ज पर ही क्यों न सही. दरअसल, इस कानून में संशोधन के बाद यूपी की तरह मध्यप्रदेश में भी मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण और व्यापार, अवैध खनन जैसे कई अन्य अपराध शामिल किए जा रहे हैं.
होंगे कई अहम बदलाव
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कानून में एक संशोधन के तहत पुलिस को ज्यादा अधिकार दिए जाने का भी प्रावधान है. इसके अलावा इसमें आरोपी से पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लेने की अवधि अधिकतम दो माह हो जाएगी, जोकि वर्तमान में 14 दिन है. सूत्रों ने बताया, संशोधित विधेयक विधानसभा के शीतकालीन सत्र (नंवबर-दिसंबर) में पेश किया जा सकता है.