मुरैना।
ग्वालियर चंबल अंचल के शिवपुरी-श्योपुर और दतिया में बाढ़ के बाद स्थितियां तेजी से सामान्य हो रही हैं, हालाकि भिंड और मुरैना में चंबल नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने से खतरा बरकरार है। यहां बाढ़ से घिरे गांवों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। मुरैना के जारौली में तीन माह पहले बना डैम फूट गया है।
मुरैना मेें रातभर चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 9 मीटर ऊपर रहा। सुबह 9 बजे के बाद से जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। एनडीआरएफ की दो टीमों के अलावा एसडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू में लगी हुई हैं। सुबह से 300 से ज्यादा ग्रामीणों को निकाला जा चुका है। जौरा तहसील के सिमरौदा गांव में बुधवार-गुरुवार की रात मकान ढहने से 48 वर्षीय बैकुण्ठी बाई रावत की मौत हो गई। पति व बेटा घायल हो गए हैं।
सबलगढ़ तहसील के रामपुर क्षेत्र के जारौली गांव में पांच करोड़ की लागत से तीन माह पहले ही बनकर तैयार हुआ डैम पानी भरते ही फूट गया। प्रभारी मंत्री भारत कुशवाह ने कलेक्टर-एपी को लेकर प्रभारी मंत्री जौरा, कैलारस, सबलगढ़ क्षेत्र का दौरा किया। मुरैना-सबलगढ़ रोड पर नेपरी गांव के पास बना पुल, देवगढ़ थाना क्षेत्र का तोर-तिलावली पुल व मुरैना-अंबाह के बीच क्वारी नदी का दिमनी पुल क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बंद है। भिंड में 50 ग्रामीण क्षेत्रों में से 7 हजार लोगों को गुरुवार की शाम तक सुरक्षित निकाला जा चुका है। चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से अटेर तहसील के 9 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं।
दतिया मेें राहत, ग्वालियर-झांसी मार्ग शुरू
दतिया मेें सेवढ़ा क्षेत्र में सिंध नदी का पानी लगभग 6 फीट नीचे उतर गया है। इसकी मुख्य वजह शिवपुरी से पानी काम छोड़ा जाना है। जनजीवन भी तेजी से सामान्य हो रहा है। बाढ़ग्रस्त एरिया में अब बचाव कार्य पूरी तरह से बंद कर राहत कार्य शुरू किए गए हैं, जिन 35 गांव में बाढ़ का प्रकोप था, उन गांव में राहत सामग्री का भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं। डबरा दतिया हाईवे मार्ग पुराने पुल से होकर वाहनों को आने जाने दिया जा रहा है दोनों ही पुल के किनारों पर ग्वालियर और दतिया पुलिस अभी भी डटी हुई है। शिवपुरी में गुरुवार को प्रशसान की टीमें लोगों तक राहत पहुंचाने का काम में जुटी रहीं।