भिंड। मध्यप्रदेश में खासकर ग्वालियर चंबल अंचल में इन दिनों बाढ़ ने तबाही मचा रखी है .नदियां उफान पर हैं. सिंध और चंबल नदी के किनारे बसे गांव खाली कराए जा रहे हैं. भिंड जिला भी बाढ़ से खासा प्रभावित है. सिंध नदी के किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गांव पानी से लबालब हैं.हालात यह हैं कि लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकालना पड़ रहा है. प्रशासन ने समय रहते ही गांव खाली करने की मुनादी तो करा दी थी .बावजूद इसके लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संबाददाता ने पहुंचकर ग्राउंड जीरो से बाढ़ के हालातों का जायजा लिया.
डूब गया पूरा कछपुरा
जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में संदीप नदी के किनारे बसे दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.कई गांव को तो सिंध नदी ने निगल लिया है. ऐसे ही ग्राम कछपुरा में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने ईटीवी भारत जब मौके पर पहुंचे तो पाया गया. लोग अपने गांव खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए निकल चुके हैं.ट्रैक्टरों में अपना सामान भरकर कोई पैदल तो कोई सर पर सामान रखें गुजरता जा रहा है. कुछ लोग ऐसे भी हमें दिखे जो अपने बच्चों के साथ परिवार के साथ सड़क किनारे बनी गुमटिओं पर आसरा लिए हुए हैं. इन ग्रामीणों से बात करने पर पता चला कि कछपुरा गांव पूरी तरह पानी में डूब चुका है.
बाढ़ से सब कुछ तबाह
2021 की इस आपदा में कछपुरा गांव के ग्रामीण दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.लोगों ने ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि सिंध नदी ने उनका सब कुछ तबाह कर दिया है. मवेशी बह गए घर का सामान बह गया जो लोग इस बार से बचकर निकल आए उनका कहना है कि कुछ राशन उनके पास है जिससे अब अपने बच्चों का पेट भरेंगे लेकिन आगे जीवन यापन के लिए उनके पास बड़ी समस्या है.
नदी में बह गई गृहस्थी
गांव के ही एक ग्रामीण ने बताया कि गांव में उनके दो घर थे जो पूरी तरह पानी में समा गए. घर का सारा सामान नदी में चला गया अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा वही एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि हाल ही में उनके घर शादी हुई थी. शादी का पूरा सामान उनके घर में ही रखा हुआ था. लेकिन अब नदी के पानी से घर पूरी तरह तरबतर है एक अन्य शख्स ने बताया कि अचानक आई बाढ़ की वजह से उन्हें अपना सामान निकालने का भी समय नहीं. बचा गांव के अन्य लोगों की तरह ही उन्हें भी रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया उनके पास अब सामान के नाम पर सिर्फ बदन पर पहने हुए एक शर्ट और एक पेंट ही बचा है.
बचाव कार्य तेजी से जारी
जब ग्रामीणों से हमने जानना चाहा कि प्रशासन की ओर से उन्हें क्या मदद मिल रही है तो ज्यादातर लोगों का कहना था कि उन्हें रेस्क्यू कर बाहर तो निकाला जा रहा है लेकिन किसी को यह नहीं पता कि प्रशासन की ओर से क्या व्यवस्था की गई है या उन्हें कहां जाना है ऐसे में लोग इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि दिन में तो जैसे तैसे गुजारा होगा लेकिन रात का समय कहां काटेंगे. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि गांव में अभी भी करीब दो दर्जन लोग फंसे हुए हैं जिन्हें रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है.
बुधवार सुबह से ही प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड़ पर हर है. बाढ़ के पानी में फंसे हुए लोगों को निकालने का जिम्मा पूरी शिद्दत के साथ पूरे पुलिस विभाग, एसडीआरएफ होमगार्ड जवानों द्वारा किया जा रहा है. खुद मोर्चे की कमान संभालने एसपी मनोज कुमार सिंह ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था और लोगों को बचाया भी लेकिन कहीं ना कहीं इन बाढ़ प्रभावित लोगों को प्रशासन की मदद नहीं मिल पाना चिंताजनक बात है. ऐसे में इन हालातों में प्रशासन को अपने द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जानकारी पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए कुछ पुख्ता इंतजाम करने चाहिए.