भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीब वर्ग सहित प्रदेश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी के प्रति सरकार सदैव गंभीर रहेगी। पहला सुख निरोगी काया होता है, इस नाते नागरिकों को रोगों से बचाकर अच्छे से अच्छा उपचार दिलवाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार पूर्व की तरह बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगी। कोरोना के दौर में महत्वपूर्ण सिद्ध हुई आयुष्मान जैसी योजनाएँ नि:शुल्क उपचार उपलब्ध करवाती हैं। लोगों को रोगमुक्त करवाने में योजना कारगर हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 23 सितम्बर 2018 से लागू योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम है, इस स्थिति को कायम रखा जाएगा। प्रदेश के ढाई करोड़ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये का उपचार व्यय प्रदान करने वाली इस योजना का निरंतर विस्तार किया जाएगा। संबल योजना और सस्ता खाद्यान्न प्राप्त करने वाले लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है क्योंकि सर्वाधिक आवश्यकता इस वर्ग को ही होती है। हर पात्र हितग्राही को इससे जोड़ा जाएगा। योजना में आगामी मार्च तक एक करोड़ से अधिक नवीन हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री चौहान आज मिंटो हॉल सभाकक्ष में आयुष्मान योजना के हितग्राही सम्मेलन में हितग्राहियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने ढाई करोड़ आयुष्मान कार्ड प्रदाय करने के लक्ष्य को पूरा करते हुए आज भोपाल की धनलक्ष्मी को 2.50 करोड़वाँ आयुष्मान कार्ड प्रदान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने श्यामा राठौर सीहोर, आर्यन जोशी विदिशा, अजय सिंह रायसेन और अन्य हितग्राहियों को भी आयुष्मान कार्ड प्रदान किए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अच्छी कानून-व्यवस्था और शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य की रक्षा मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में है। आयुष्मान योजना से अनेक परिवारों को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायता मिली है। योजना में मध्यप्रदेश में हुई प्रगति के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और विभागीय टीम को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कोविड की दूसरी लहर के पीक समय का स्मरण करते हुए कहा कि उस कठिन दौर में ऑक्सीजन और अस्पताल में बिस्तरों की समुचित व्यवस्थाएँ की गईं। अच्छे प्रबंधन से कम से कम जनहानि हुई। आयुष्मान जैसी योजना निर्धन परिवारों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें उपचार का लाभ दिलवाने का माध्यम बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अभी भी कोविड नियंत्रण में होने के बावजूद मास्क के उपयोग और परस्पर दूरी बनाए रखने की सावधानियाँ बहुत आवश्यक हैं। हमारी जागरूकता से हम कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को समाप्त कर सकते हैं।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता सम्मानित
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में आयुष्मान कार्ड बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले उत्कृष्ट कर्मचारियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्हें श्रेष्ठ कार्य के लिए बधाई भी दी। ग्वालियर के रामनिवास मांझी 26 हजार आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रथम स्थान पर रहे। देवास की आयुष्मान मित्र सुश्री ममता वर्मा ने 12 हजार कार्ड तैयार किए।
आयुष्मान हितग्राहियों से बातचीत
मुख्यमंत्री चौहान ने सागर के मोनू खान, आष्टा की अंकिता बाई, भोपाल के हुसैन अब्बास जाफरी, भिण्ड के छोटू राम, रीवा की कुसुम सिंह, बालाघाट की सीमा मंडाले और वासुदेव मंडाले से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा चर्चा कर आयुष्मान योजना से प्राप्त लाभ की जानकारी प्राप्त की। इन हितग्राहियों में से कुछ हितग्राही कोविड से ग्रस्त हुए थे और उन्होंने उन्हें मिली नई जिन्दगी का श्रेय आयुष्मान योजना को दिया।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 4 करोड़ 70 लाख आयुष्मान कार्ड प्रदान करने के लक्ष्य में 53 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जा चुकी है। छोटे-छोटे नगरों में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना और आयुष्मान कार्डधारियों को मिले मुफ्त उपचार के कार्य में मध्यप्रदेश अग्रणी है। संबल योजना के हितग्राही भी आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने के पात्र हैं। इसी तरह सस्ता राशन प्राप्त करने वाले हितग्राही भी आयुष्मान कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान की रूचि और निरंतर समीक्षा के कारण मध्यप्रदेश इस योजना में देश में प्रथम स्थान पर है।
आयुष्मान हितग्राही सम्मेलन के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने मुख्यमंत्री चौहान और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना से प्रत्येक पात्र परिवार को जोड़ने का कार्य निरंतर चल रहा है। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक का उपचार व्यय परिवार को मिल जाने से उन्हें राहत मिल रही है। कार्यक्रम के अंत में आयुष्मान भारत निरामयम मध्यप्रदेश के कार्यपालन अधिकारी एस. विश्वनाथन ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी भी उपस्थित थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने मिंटो हाल परिसर से रोगियों के लिए दस नए चिकित्सा वाहन भी हरी झंडी दिखाकर और चाबी भेंट कर रवाना किए।