सुषमा स्वराज के अकस्मात निधन से हर कोई शोक में डूबा हुआ है और अपनी तरह से उन्हें याद कर रहा है। जनता के साथ उनके सीधे जुड़ाव की वजह से विदेश मंत्रालय से लोगों की दूरी मिट गई थी।
- सुषमा स्वराज के अकस्मात निधन से हर कोई शोक में डूबा हुआ है और अपनी तरह से उन्हें याद कर रहा है
- पाकिस्तान से लौट कर आए गीता और हामिद अंसारी ने कहा- उन्होंने एक तरह से अपनी मां को खो दिया है
- विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज कई लोगों की शिकायतों पर तुरंत ऐक्शन लिया, जनता से सीधा जुड़ाव था
कद्दावर नेता, कुशल वक्ता होने के साथ-साथ सुषमा स्वराज अपने सरल स्वभाव के लिए भी जानी जाती थीं। इसके साथ देश के लोगों के प्रति उनका मातृत्व भाव भी किसी से छिपा नहीं है। अपने विदेश मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। कभी पासपोर्ट में दिक्कत तो कभी विदेशों में फंसे भारतीयों को छुड़ाना। अक्सर ऐसे मामलों में सुषमा व्यक्तिगत तौर पर मदद के लिए आगे आ जाती थीं। पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद अंसारी हों या पाक से लौटीं गीता। सुषमा स्वराज ने हर जरूरतमंद भारतीय की एक मां की तरह चिंता की।
वह मेरी मां की तरह थीं- हामिद अंसारी
हामिद अंसारी पाकिस्तानी जेल में 6 साल बिताकर पिछले साल दिसंबर में ही भारत लौटे थे। भारत लौटते ही हामिद ने सबसे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी। सुषमा को देखकर हामिद इतना भावुक हो गए कि गले लगकर रोने लगे। आज सुषमा स्वराज के निधन पर हामिद उन्हें याद करते हुए कहते हैं, ‘वह मेरे लिए मां की तरह थीं। उनके लिए मेरे मन में गहरा सम्मान है। वह हमेशा मेरे दिल में जिंदा रहेंगी। पाकिस्तान से लौटने के बाद उन्होंने भविष्य के लिए भी मेरा मार्गदर्शन किया था। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।’
पश्तून लड़की से मोहब्बत ने पहुंचा दिया था पाकिस्तान
एक पश्तून लड़की से ऑनलाइन चैट के बाद हुई मोहब्बत ने मुंबई में वर्सोवा के रहने वाले हामिद नेहाल अंसारी को 2012 में बिना वीजा पाकिस्तान पहुंचा दिया था। इसी के बाद उन पर जासूसी का केस चलाकर जेल भेज दिया गया था। इस बीच मामला केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास पहुंचा, जिन्होंने पाकिस्तान के सामने इस मुद्दे को उठाया। तमाम कोशिशों के बाद दोनों ही मुल्कों के कई लोगों ने मिलकर कोर्ट के सामने यह साबित किया कि हामिद पाकिस्तान में अवैध तरीके से जरूर दाखिल हुआ है, लेकिन वह जासूस नहीं है।
जैनब बी ने कहा, ‘मैडम को जन्नत नसीब हो’
सऊदी अरब में फंसी जैनब बी को भी सुरक्षित वतन वापस लाने में सुषमा स्वराज ने काफी मदद की थी। सुषमा के निधन की खबर सुनकर जैनब भावुक हो गईं। रोते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरी मैडम ने बहुत हेल्प करी थी। मैंने जब से यह खबर सुनी है… मुझे नींद नहीं आई… बहुत मदद की थी सऊदी से मैं जब आई तो मैडन ने। सुषमा मैडम को जन्नत में जगम मिले।’