श्रीनगर |
दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के डाचीगाम में नामीबियान और मरसर इलाके के बीच पड़ने वाले जंगलों में आज शनिवार को सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराए गए दो आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार व पुलवामा आत्मघाती हमले में शामिल मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू उर्फ अदनान मसूद अजहर भी शामिल है। हालांकि दूसरे आतंकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अजहर मसूद के भाई लंबू के मारे जाने की पुष्टि करते हुए इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी बताया है। मुठभेड़ स्थल से एक एके-47, एक एम-4 राइफल समेत अन्य गोलाबारूद बरामद हुआ है।
आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू उर्फ अदनान मसूद पाकिस्तान में बैठ जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन की कमान संभाल रहे अजहर मसूद के परिवार से था। वह आइईडी विशेषज्ञ था और फरवरी 2019 के लेथपोरा पुलवामा आत्मघाती हमले की साजिश और योजना में भी शामिल था।जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। फिदायीन हमले के दिन तक लंबू आदिल डार के साथ रहा। यही नहीं आदिल डार के वायरल वीडियो में भी उसी की आवाज थी।
आपको बता दें कि पाकिस्तानी आतंकी लंबू भाई सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बना हुआ था। आइईडी बनाने में विशेषज्ञ माने जाने वाले आतंकी लंबू भाई को पुलिस कई सालों से ढूंढ रही थी। लंबू को सुरक्षबलों ने गत वर्ष नवंबर में भी घेरा था परंतु रात के अंधेरे का फायदा उठाकर वह मुठभेड़ स्थल से फरार हो गया था। पुलवामा हमले के बाद से ही जैश-ए-मोहम्मद के आइईडी विशेष माने जाने वाले तीन आतंकी सुरक्षाबलों के निशाने पर थे। दो आइईडी विशेष डॉ सैफुल्ला, वाहिद भाई को सुरक्षाबलों ने गत वर्ष जुलाई और नवंबर में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था परंतु लंबू भाई मुठभेड़ से बच निकलने के बाद अंडरग्राउंड हो गया था। पुलिस इतना जानती थी कि वह पुलवामा में ही कहीं छिपा हुआ है।
पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज सुबह डाचीगाम में नामीबियान और मरसर इलाके के बीच पड़ने वाले जंगलों में कुछ संदिग्ध बंदूकधारियों के देखे जाने की सूचना मिली। एसओजी, सेना की 55 आरआर और सीआरपीएफ 192 बटालियन के जवानों का संयुक्त दल सूचना मिलते ही इलाके में पहुंच गया। जैसे ही उन्होंने जंगलों में आतंकियों की तलाश शुरू की, आतंकवादियों ने सामने से गोलीबारी शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई से पहले आतंकियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया परंतु उन्होंने गोलीबारी का सिलसिला जारी रखा। इससे पहले की आतंकी जंगलों की आड़ में वहां से फरार होने में कामयाब होते, सुरक्षाबलों ने एक के बाद एक दोनों आतंकियों को कुछ ही समय की मुठभेड़ में मार गिराया। मारे गए आतंकियों के शवों को सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिया है। मारे गए आतंकियों की पहचान करने के लिए जब स्थानीय पुलिस की मदद ली गई तो पता चला कि मरने वालों में एक जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यांत आतंकी लंबू भाई शामिल है। हालांकि दूसरे आतंकी की अभी पहचान नहीं हो पाई है परंतु ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वह भी विदेशी है। मुठभेड़ स्थल से एक एके-47, एक एम-4 राइफल समेत अन्य गोलाबारूद बरामद हुआ है।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस सफलता के लिए पुलिस, सेना व सीआरपीएफ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि लंबू के मारे जाने के बाद घाटी में आइईडी चुनौती कुछ हद तक कम होगी।