ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार और पेन कार्ड बनवाने के अब दलालों से मिलेगी मुक्ति

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नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने अमजन को राहत देते हुए पहले ही ड्राइविंग लाइसेंस और इससे जुड़ी सभी सेवाओं को तकरीबन ऑनलाइन कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने कोरोना काल में आरटीओ की ज्यादातर सेवाएं पहले ही ऑनलाइन की जा चुकी हैं। इसके बावजूद गांव-देहात में रहने वाले लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आधार कार्ड सहित केंद्र सरकार या राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कत होती है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को जिला मुख्यालय आना पड़ता है और वह दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं। ऐसे में अब पंचायत भवनों में ही जनसुविधा केंद्र खोले जा रहे हैं। यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में जनसुविधा केंद्र में ही अब ड्राइविंग लाइसेंस, पीएम आवास योजना के लिए आवेदन, पासपोर्ट के लिए आवेदन का काम मामूली फीस के साथ होगा।
इसके साथ ही जनसुविधा केंद्रों पर अब आप गाड़ी से संबंधित कोई भी आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं। अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवदेन करना है या स्लॉट बुक कराना है तो आप जनसुविधा केंद्र में जा कर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि देश के हर आरटीओ के कामकाज को तकरीबन अब ऑनलाइन कर दिया गया है। परिवहन विभाग कोशिश कर रहा है कि लाइसेंस रिन्युअल, डुप्लीकेट लाइसेंस, एड्रेस चेंज और आरसी बनवाने के लिए लोगों को अब आना न पड़े। घर बैठे ही लोगों को ये डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने की सुविधा मिले। ऑनलाइन सिस्टम के बाद सिर्फ ड्राइविंग टेस्ट और फिटनेस के लिए ही लोगों को आरटीओ आना होगा।
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद यूपी सहित कई राज्यों में यह काम तेजी से शुरू हो गया है। यूपी के सभी जिलों के ग्राम पंचायत भवनों में जनसुविधा केंद्र खोले जा रहे हैं। शासन की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस सहित पीएम आवास योजना के लिए आवेदन करना हो या किसी अन्य योजनाओं का लाभ के लिए आवेदन करना है, अब इन जनसुविधा केंद्रों के जरिए किए जा सकेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से हर काम के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है। जनसुविधा केंद्र संचालक सरकार के द्वारा तय राशि से ज्यादा नहीं वसूल सकते हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही कई राज्यों ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए डॉक्टरों के द्वारा भेजे गए ऑनलाइन मेडिकल प्रमाणपत्र को ही मान्य कर दिया था। छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। इस आदेश में ऑफलाइन जमा किए जाने वाले प्रमाणपत्र पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अधिकृत डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों के आधार पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने कहा गया है।

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