कोलकाता । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के बाद तृणमूल मुखिया ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं। वहीं माकपा भी उनके साथ आने के ने संकेत दे रही है। माकपा राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से लड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है। माकपा राज्य विधानसभा चुनाव में खाता खोलने में विफल रही थी। माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा, कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने एक गठबंधन बनाया था और विधानसभा चुनाव लड़ा था। इन पार्टियों ने घोषणा की थी कि टीएमसी और भाजपा दोनों ही उनके प्रमुख दुश्मन हैं। वाम दल की तरह, कांग्रेस भी राज्य विधानसभा चुनाव में कोई सीट नहीं जीत पाई थी, हालांकि आईएसएफ एक सीट पर विजयी हुई थी।
संवाददाताओं द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए क्या माकपा टीएमसी के साथ रहेगी, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य बिमान बोस ने कहा, ‘हम किसी भी भाजपा विरोधी पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ किसी बड़े आंदोलन के लिए जब भी जरूरत पड़ी है, हमारा यही रुख रहा है।’’ पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा के अध्यक्ष बोस रविवार को पूर्वी मेदिनीपुर जिले के तामलुक में एक बैठक से इतर पत्रकारों से बात कर रहे थे। माकपा के शीर्ष सूत्रों ने हालांकि कहा कि बोस की टिप्पणी पार्टी के रुख में तत्काल बदलाव का संकेत नहीं देती है क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में यह बयान दिया था। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘नीतिगत मामलों में इस तरह के बदलाव के लिए पार्टी को अपनी राज्य समिति की बैठक में इस मुद्दे को उठाने के बाद एक प्रस्ताव पारित करना होगा।’ कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के मुद्दे पर बोस ने कहा, जहां तक हमारा संबंध है, हम किसी से संबंध नहीं तोड़ रहे हैं।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…