लोकसभा में मंगलवार को उपभोक्ता संरक्षण नियम बनाने पर विचार किया गया तथा ग्राहकों को अच्छा और सस्ता सामान उपलब्ध हो सके उनके साथ कोई भी कंपनी बेईमानी ना कर सकें। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक2019 को मंजूरी दी गई। पहली बार टेलीमार्केटिंग डायरेक्ट मार्केटिंग ऑनलाइन शॉपिंग करने वाली कंपनियों को भी इस बारे में लाया जा रहा है ग्राहकों की समस्याओं को सुनने के लिए तथा उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए नियामक बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कोई भी व्यक्ति अगर शिकायत करता है, तो उसकी सुनवाई अति शीघ्र की जाएगी तथा 21 दिनों के भीतर स्वता दर्ज मनी जावेगी। सरकार ने सख्त कानून बनाते हुए उपभोक्ताओं के अधिकारों को संरक्षण देने पर ज्यादा जोर दिया है।
इस विधेयक के आ जाने से ऑनलाइन शॉपिंग तथा टेलीमार्केटिंग कंपनियों की मनमानी नहीं चल पाएगी, वह खराब सामान देकर बचने का प्रयास नहीं कर पाएंगी, तथा ग्राहकों को जल्द से जल्द नया सामान इन कंपनियों के द्वारा दिया जाएगा।
इस विधेयक में निम्न बातों पर ज्यादा जोर दिया गया है
₹50 करोड़ तक का जुर्माना खराब उत्पाद बनाने तथा बेचने वालों पर लगेगा।
2 साल की जेल भ्रामक विज्ञापन बनाकर अगर कोई उत्पाद बेचा गया
21 दिनों के भीतर कोई भी शिकायत स्वता दर्ज मानी जावेगी।
जिले में बड़े मामलों की सुनवाई होगी तथा खराब उत्पादन पर निर्माता और विक्रेता दोनों पर कार्रवाई होगी जिससे ग्राहकों की अधिकार और सुरक्षित होंगे। प्राधिकरण को तलाशी और जब्ती का अधिकार प्राप्त होगा तथा निर्माता कर्ता को ख़राब उत्पादन करने पर 5 साल की सजा होगी। भ्रामक प्रचार के द्वारा उत्पाद को बेचने पर जेल और जुर्माना दोनों संभव होंगे इस नियामक का मुख्यालय दिल्ली में होगा