भोपाल ।
मध्य प्रदेश में नर्मदा सहित अन्य नदियां हैं। यहां पानी की कोई कमी नहीं है। इसका पूरा उपयोग कृषि क्षेत्र के लिए करना चाहिए। पिछले 15 साल में मध्य प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति की है। प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों को उपज का और बेहतर मूल्य दिलाया जा सकता है। प्रदेश को पिछले साल साढ़े 16 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए थे। इस बार यह राशि बीस हजार करोड़ रुपये तक हो सकती है। यह बात राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ.जीआर चिंतला ने भोपाल में कही।
क्षेत्रीय कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों का विस्तार होना चाहिए। इन्हें नाबार्ड हर तरह की सहायता मुहैया कराएगा। केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन्हें सशक्त बनाने पर काम किया जा रहा है। कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। पिछले साल ढाई हजार करोड़ रुपये अधिक उपलब्ध कराए थे। प्रदेश में जो नदियां हैं, उनके पानी का पूरा उपयोग होना चाहिए। इसके लिए जल प्रबंधन पर जोर दिया जाए।
सिंचाई परियोजनाओं के लिए नाबार्ड सहायता भी मदद कर रहा है। किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए पुनर्वित्त उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश का अपेक्स बैंक सशक्त है पर नौ-दस जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों की स्थिति ठीक नहीं है। इसकी वजह से ऋण वितरण में भी समस्या आती है। साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी समितियों में से आधी बेहतर काम कर रही हैं।
उन्होंने सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने पर जोर देते हुए कहा कि इससे प्रक्रिया में सुधार होता है। प्रदेश में चार साल से सहकारी संस्थाओं के चुनाव नहीं हुए हैं। कोरोना के दौरान कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों ने अच्छा काम किया है। बैंक की मुख्य महाप्रबंधक टीएस राजी गैन ने कहा कि प्रदेश के एक करोड़ किसानों में से 38 लाख के किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बने हैं। इसकी वजह से इन्हें बैंकों को ऋण देने में दिक्कत आती है। इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है।
एक जिला, एक उत्पाद योजना को लागू करने में सहयोग करेगी नाबार्ड
बैंक के अध्यक्ष ने मंत्रालय पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने नाबार्ड द्वारा ग्रामीण विकास, सिंचाई, डेयरी विकास, सरदार सरोवर बांध से अधिक से जल प्राप्त करने, सौर ऊर्जा परियोजनाओं, जिला सहकारी बैंकों के सुदृढ़ीकरण सहित अन्य क्षेत्रों में सरकार के साथ काम करने की संभावनाओं पर चर्चा की। साथ ही कहा कि एक जिला, एक उत्पाद योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में नाबार्ड सहयोग करेगा। बैठक में नाबार्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तक मैग्निफिसेंट मावैल्स तथा नाबार्ड इन मध्य प्रदेश का विमोचन किया गया।