- 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स देने वाले राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर, दूसरे नंबर पर दिल्ली
- जून 2019 तक देश में 46 करोड़ PAN कार्ड जारी हो चुके हैं, 6.3 करोड़ ITR ही दाखिल हुए हैं
- देश में कई राज्य ऐसे भी हैं जो महज 1 हजार करोड़ रुपये से भी कम डायरेक्ट टैक्स जुटा पाते हैं
प्रति ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइलिंग डायरेक्ट टैक्स के मामले में दिल्ली देश के दूसरे राज्यों से आगे है। देश की राजधानी में प्रति ITR औसतन 4.8 लाख रुपये का टैक्स मिला है, जोकि असेसमेंट इयर (AY) 2018-19 में देश में सबसे ज्यादा है। इस मामले में 4 लाख रुपये से अधिक प्रति ITR के साथ दिल्ली के बाद महाराष्ट्र और सिक्किम है, तो सबसे नीचे बिहार है। 2017-18 में कुल डायरेक्ट टैक्स में कॉर्पोरेट टैक्स का हिस्सा 57% है।
ITR-जनसंख्या अनुपात की बात करें तो इस मामले में भी दिल्ली (16.1) सबसे आगे है तो दूसरे नंबर पर गोवा (11.1) और तीसरे स्थान पर गुजरात (9.9) है। इस मामले में सबसे पिछड़े तीन राज्य ओडिशा (2.5), असम (2.5) और बिहार (1.7) हैं।
इस तरह बढ़ रहा है डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
हाल ही में जारी डेटा के मुताबिक, असेसमेंट इयर 2018-19 में सरकार को 11.4 लाख करोड़ डायरेक्ट टैक्स मिला, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.5 फीसदी अधिक है। 2000-01 और 2018-19 के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.9 फीसदी सालाना बढ़ा है। 2000-01 में महज 0.68 लाख करोड़ का टैक्स मिला था जो 10 साल बाद 2010-11 में बढ़कर 4.46 लाख करोड़ हुआ था।
महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा टैक्स देश के सभी राज्यों से प्राप्त टैक्स आंकड़ों को देखें तो महाराष्ट्र सबसे आगे है। हालांकि, यह हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि देश की सबसे अधिक बड़ी कंपनियां यहीं रजिस्टर्ड हैं। इस मामले में दिल्ली दूसरे नंबर पर है।
1 लाख करोड़ से अधिक टैक्स
1 लाख करोड़ रुपये से अधिक टैक्स देने वाले राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। इस राज्य ने 4.3 लाख रुपये टैक्स कलेक्शन किया है तो 1.7 लाख करोड़ के साथ दिल्ली दूसरे और 1.2 लाख करोड़ रुपये के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।
10 हजार करोड़ से 1 लाख रुपये टैक्स
गुजरात, आंध्रा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, एमपी, केरला, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक और 1 लाख करोड़ रुपये से कम टैक्स कलेक्शन हुआ है।
1000 करोड़ से 10000 करोड़ टैक्स
झारखंड, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, मेघालय में 1 हजार करोड़ से 10 हजार करोड़ रुपये के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन हुआ है।
1 हजार करोड़ से कम टैक्स
कई राज्य ऐसे भी हैं जो महज 1 हजार करोड़ रुपये से भी कम डायरेक्ट टैक्स जुटा पाते हैं। ये राज्य हैं- पुड्डुचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा, दादर और नगर हवेली, अरुणाचल, मणिपुर, नगालैंड, अंडमान ऐंड निकोबार आइलैंड, मिजोरम और लक्ष्यद्वीप।
7 PAN कार्ड होल्डर्स में से 1 ही देता है टैक्स
जून 2019 तक देश में 46 करोड़ PAN कार्ड जारी हो चुके हैं, लेकिन केवल 6.3 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न ही दाखिल हुए हैं। इसका मतलब है कि यदि 10 लोगों के पास PAN कार्ड है तो उनमें से 1 ही ITR फाइल करता है। प्रति ITR सरकार को औसतन 1.5 लाख रुपये मिलते हैं।