शिमला. हिमाचल प्रदेश में बीते एक सप्ताह बाद मानसून फिर सक्रिय हुआ है और लोगों को खूब डरा रहा. सोमवार को भी बारिश से खासा नुकसान हुआ है. चंबा में लैंडस्लाइड के चलते जहां माता-पिता और बेटे की मौत हुई है, वहीं दूसरे इलाकों में भारी नुकसान हुआ है. कांगड़ा, हमीरपुर और चंबा में ही 16 घर और दुकानें ध्वस्त हो गई हैं. साथ ही कारें-पुल बह गए हैं. जगह-जगह भूस्खलन से 7 नेशनल हाईवे समेत प्रदेश भर में 252 छोटी-बड़ी सड़कें पूरी तरह से ठप हो गईं. बाद में इनमें से कुछ सड़कों को आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है. कांगड़ा में सोमवार रात से बारिश जारी है. चंबा में भरमौर जाने वाला हाईवे टोलू में भट्टी की हट्टी के पास लैंड स्लाइडल के चलते बंद हो गया है.
मौसम विभाग ने सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया था और इसका असर भी देखने को मिला. मंडी जिले में लगातार 12 घंटे बारिश हुई. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से मंगलवार 20 जुलाई सुबह साढ़े पांच बजे तक चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और कुल्लू जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है. सैलानियों और स्थानीय लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है. मंगलवार सुबह तक के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है और दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट रहेगा. पूरे प्रदेश में 25 जुलाई तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है. सोमवार को अधिकतम तापमान में सामान्य से 6 डिग्री की कमी दर्ज की गई है.
चंबा में बड़ा हादसा
चंबा में भूस्खलन की जद में आई कार रावी में समा गई. कार में एक ही परिवार के तीन सदस्य मौजूद थे. तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं. कांगड़ा के जिया में नाले में एक व्यक्ति का शव मिला है. सिरमौर की गिरी नदी पर जलस्तर बढ़ने से गेट नंबर 2 और चार को खोला गया है. यहां किसी भी तरह की जानकारी के लिए 1077 पर संपर्क किया जा सकता है. कांगड़ा के आशापुरी में बिजली गिरने से तीन भेड़ों समेत चार मवेशियों की मौत हो गई है. सरकाघाट के पपलोग में ट्रैक्टर, बिलासपुर में कार मलबे में दब गई. पंचरुखी के मच्छयाल नाले के पास पार्क कार बह गई.
अब चक 152 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में 13 जून से अब तक बारिश के बीच 152 लोगों की जान चली गई है. इनमें सड़क हादसे भी शामिल हैं. इसके अलावा इस अवधि में 59 कच्चे और पक्के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अनुसार, पीडब्ल्यूडी को 13,977.89 लाख और आईपीएच विभाग को 7,539.75 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.