भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने 26 जुलाई से 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोलने का भले ही ऐलान कर दिया हो, लेकिन सरकार ने यह भी साफ किया है कि जीरो एक्टिव केस वाले जिलों में ही स्कूल खोले जाएंगे. इसके अलावा स्कूल खोलने का अंतिम फैसला डिस्ट्रिक्ट मैनेजमेंट कमेटियों लेंगी. कोरोना और स्कूल खोले जाने की तैयारियों को लेकर की गई समीक्षा बैठक सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला लिया है. इस निर्णय के बाद भोपाल और इंदौर में 26 जुलाई से स्कूल खोले जाने पर संशय बना हुआ है.
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 26 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के स्कूल शुरू करने का अंतिम निर्णय डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियां लेंगी. जिन जिलों में कोरोना के एक भी केस नहीं है, वहां स्कूल संचालित किए जा सकेंगे, लेकिन इस संबंध में आखरी फैसला डिस्ट्रिक्ट मैनेजमेंट कमेटी लोगों से विचार विमर्श करने के बाद ही लेंगे. ऐसी स्थिति में भोपाल और बड़े शहरों में 26 जुलाई को स्कूल खोले जाने को लेकर संशय है. मौजूदा स्थिति में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में कोरोना के एक्टिव केस है, इसके अलावा इन जिलों में अभी भी कोरोना के केस सामने आ रहे हैं.
शुरुआत में सिर्फ 1 दिन लगाए जाएंगे स्कूल
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 फीसदी क्षमता के साथ कक्षा 11वीं और 12वीं क्लास का संचालन 26 जुलाई से शुरू किया जाएगा. शुरुआत में प्रयोग के तौर पर सिर्फ एक दिन क्लासेस लगाई जाएंगी. अगस्त माह के पहले हफ्ते से 50 फीसदी क्षमता के साथ कक्षाएं लगाई जाएंगी. कक्षा के 50% स्टूडेंट 2 दिन आए और बाकी 50 फीसदी अगले 2 दिन स्कूल आएंगे. इस तरह एक हफ्ते में 4 दिन स्कूल लगेंगे.
कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से होगा पालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखना होगा. स्कूल में बच्चों को एक कुर्सी छोड़कर बैठाया जाएगा. साथ ही मास्क, सैनिटाइजर का सख्ती से पालन कराना होगा.