- कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार मंगलवार को विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाई
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे कर्नाटक के लोगों की हार और लालच की जीत बताया
बेंगलुरु. कर्नाटक में मंगलवार को कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार 14 महीने बाद गिर गई। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, “एक दिन भाजपा को पता चलेगा कि हर चीज खरीदी नहीं जा सकती है, हर किसी को डराया नहीं जा सकता और अंतत: सारे झूठ सामने आ जाते हैं। नागरिकों को तब तक बेलगाम भ्रष्टाचार, संस्थानों का खात्मा और लोकतंत्र को कमजोर होते हुए देखना होगा। मंगलवार को फ्लोर टेस्ट में सरकार के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े थे।
इससे पहले राहुल गांधी ने भी कर्नाटक सरकार गिरने के बाद बिना नाम लिए भाजपा पर हमला किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था- “पहले दिन से ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन अंदर और बाहर से उन लोगों के निहित स्वार्थ के निशाने पर थी, जो इसे अपने ताकत के मार्ग पर रुकावट के तौर पर देखते थे। उनका लालच जीत गया। लोकतंत्र, सच्चाई और कर्नाटक के लोग हार गए।”
भाजपा ने राहुल को जवाब दिया
कर्नाटक भाजपा ने भी ट्विटर पर राहुल गांधी को जवाब दिया। पोस्ट में लिखा- एक बार फिर राहुल की बात का कोई मतलब नहीं निकला। शायद यह लोकतंत्र के तमाचे का असर है। सत्ता पर कब्जा बनाए रखने की आपकी निराशा का अंत हुआ। यह कर्नाटक की आपके नापाक गठबंधन पर जीत है। लोकतंत्र आज जीता है और लोगों के मत का सम्मान हुआ है।
कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में पड़े 99 वोट
गठबंधन सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव पर चार दिन चली चर्चा के बाद मंगलवार शाम को आखिरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ। इस दौरान स्पीकर को हटाकर सदन में विधायकों की संख्या 204 थी और बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था। कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े। कुमारस्वामी 14 महीने से 116 विधायकों के साथ सरकार चला रहे थे, लेकिन इसी महीने 15 विधायक बागी हो गए। राज्यपाल ने एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। अब यदि भाजपा सरकार बनती है, तो येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री हो सकते हैं।