राजगढ़। जिले की पुलिस ने नकली नोटों का जखीरा पकड़ा है. राजगढ़ पुलिस के हत्थे चार आरोपी भी चढ़े हैं, जिनके पास से करीब 50 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए. खास बात यह है कि इस पूरे मामले का कनेक्शन छत्तीसगढ़ से भी जुड़ा हुआ है. गिरोह के सरगना नरेश नाम का युवक है, जो इंदौर का रहने वाला है. वह लंबे समय से छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहकर नकली नोटों की फैक्ट्री चला रहा था. आरोपी नरेश पहले भी नकली नोटों के कारोबार में पकड़ा जा चुका है.
यह है पूरा मामला
26 जून को जीरापुर के इंदर चौराहे से शंकर और रामचंद्र नामक दो युवक एक लाख रुपए के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किए गए थे. दोनों युवकों को न्यायालय से रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई. जिसमें उन्होंने आगर जिले के रहने वाले एक कमल यादव के बारे में खुलासा किया. पूछताछ के बाद कमल यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया. कमल यादव ने बताया कि नकली नोट का यह पूरा कारोबार छत्तीसगढ़ में चल रहा है. जिसके बाद पुलिस की एक टीम को छत्तीसगढ़ भेजा गया.
भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र में दबिश देकर पुलिस ने एक मकान से मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान कमरे की तलाशी ली गई थी, जहां नकली नोट छापने का कारखाना चलाया जा रहा था. पुलिस को इस नकली नोट के कारखाने से करीब 54 लाख 37 हजार 200 रुपए के जाली नोट, 5 प्रिंटर, 2 पेपर कटर, 1 लैपटॉप, 1 एलईडी मॉनिटर, 1 सीपीयू, 1 लेमीनेटर, नकली नोट बनाने की फ्रेम, वॉटरमार्क की फ्रेम, स्पेशल इंक के कार्टरिज सहित कई अन्य उपकरण मिले हैं.
इंदौर का रहने वाला है मुख्य आरोपी
सबसे पहले साल 2003 में इंदौर पुलिस ने नकली नोट की सप्लाई के आरोप में नरेश कुमार को गिरफ्तार किया था. उसे एक बार फिर राजगढ़ पुलिस ने छत्तीसगढ़ के भिलाई से नकली नोट बनाने की फैक्ट्री के साथ गिरफ्तार किया है. आरोपी 2017 से भिलाई में रह रहा था, यहीं पर रहकर उसने इस काले कारोबार की शुरुआत की. जानकारी मिली है कि आरोपी अभी तक बाजार में 50 लाख से ज्यादा के नकली नोट खपा चुका है.