संसद के आगामी मानसून सत्र में विपक्ष के संभावित हमलों की धार कुंद करने और विधायी कामकाज को निपटाने के लिए सरकार ने चाक-चौबंद तैयारियां करनी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह के भीतर लगातार दूसरी बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ बैठक कर सभी मंत्रियों को विशेष निर्देश दिए हैं। भाजपा सांसदों को भी सदन में अधिकतम संख्या में मौजूद रहने को कहा गया है। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है।
सरकार के पास अपने कामकाज का बड़ा एजेंडा तो है ही साथ ही वह विपक्षी के सदन में हंगामे और सदन न चलने देने की कोशिशों से भी निपटने की तैयारी कर रही है। सरकार यह मानकर चल रही है कि दो-चार दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ सकते हैं, लेकिन इस दौरान भी वह कामकाज पर जोर देगी। सरकार अपने सभी मंत्रियों को सलाह दे रही है कि वह विपक्षी के हंगामे के दबाव में कतई ना आए और अपने काम के प्रति पूरी तरह सजग रहें। पिछले सत्रों में विपक्ष का जिस तरह का रवैया रहा है उससे सरकार शुरुआत से ही जबाबी आक्रामक रवैया अपना सकती है।
विपक्ष की परीक्षा के लिए तैयार रहें :
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनियुक्त मंत्रियों को सदन में पूरी तैयारी करके आना का साफ संदेश दिया और कहा कि विपक्ष उनकी कड़ी परीक्षा लेगा। इसके लिए उन्हें अपने विषयों की पूरी तैयारी करनी होगी। सवालों के साथ पूरक प्रश्नों के लिए भी तैयार रहना होगा। साथ ही सदन में भी ज्यादा से ज्यादा समय उपस्थित रहना होगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्य मंत्री भी सभी सवालों की पूरी तैयारी कर सदन में आए। सूत्रों के अनुसार, बुधवार की बैठक में संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक प्रस्तुतीकरण भी दिया जिसमें संसद के कामकाज, कार्यवाही के नियम आदि की जानकारी मंत्रियों को दी गई।
टीम के रूप में काम करें कैबिनेट व राज्यमंत्री :
सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों को बहस की गुणवत्ता को लेकर भी सलाह दी और कहा कि उनको उचित उच्च स्तरीय बहस पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए राज्यसभा में होने वाली उच्च स्तरीय तथ्यपरक बहसो को वह सुने और उनसे सीखें। कैबिनेट मंत्रियों से कहा गया है कि वह भी राज्य मंत्रियों के साथ ज्यादा से ज्यादा सलाह मशवरा करें एक टीम के रूप में व्यवहार करें। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को उनके रोस्टर ड्यूटी को लेकर भी सचेत किया और कहा कि उसका पूरा पालन किया जाए। विपक्ष को यह कहने का मौका न मिले के मंत्री सदन में नहीं है।