केरल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों ने देश की बढ़ाई चिंता, पाॅजिटिविटी रेट दे रहे भयावह संकेत

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कोरोना वायरस महामारी से आज पूरी दुनिया परेशान है। दूसरी लहर अभी ठीक से खत्म भी नहीं हो पाई की इसकी तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। पूर्वोत्तर के राज्यों में जोर पकड़ता संक्रमण इस बात का संकेत दे रहा है कि देश में तीसरी लहर बहुत ही नजदीक है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में कोरोना मामलों में एक बार फिर से तेजी देखी जा रही है। धीरे-धीरे संक्रमण का आंकड़ा जोर पकड़ते जा रहा है। देश में 55 जिलों में फिलहाल पाॅजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है। वहीं 73 जिलों में अभी भी हर दिन औसतन 100 से ज्यादा नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं।

तीसरी लहर होगी भयावह

देश में दूसरी लहर ने कई लोगों को अनाथ कर दिया है। और अब तीसरी लहर के घातक संकेत डरा रहे हैं। पूर्वोत्तर के खराब हालातों के बीच हैदराबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी और पूर्व कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि 4 जुलाई से देश में कोविड-19 के संक्रमण और मौतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा है, जैसा इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में था। यही मामले अप्रैल के आखिरी तक देश में गंभीर रूप ले चुके थे। इस आधार पर कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत की आशंका जताई जा रही है। वहीं दूसरी ओर आईएमए ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पर्यटन स्थलों और धार्मिक समारोह से भीड़ कम नहीं हुई तो तीसरी लहर भयावह होगी।

तीसरी लहर ने यहां बोला धाबा

देश के पूर्वोत्तर राज्यों की अगर बात करें तो यहां के चार राज्यों की हालत फिलहाल गंभीर नजर आ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सिक्किम में जांच पाॅजिटिविटी दर 19.5 प्रतिशत, मणिपुर में 15 प्रतिशत, मेघालय में 9.4 और मिजोरम में 11.8 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमने कोरोना प्रबंधन के लिए 11 राज्यों में टीमें भेजी हैं। इसमें उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, केरल और ओडिशा शामिल हैं। उन्होनें आगे कहा कि जब तीसरी लहर की बात होती है तो लोग इसे मौसम की भविष्यवाणी की तरह लेते हैं। वे तीसरी लहर की गंभीरता और इससे जुड़ी जिम्मेदारी को समझ नहीं रहे हैं।

45 जिलों में केन्द्र ने किया अलर्ट

तीसरी लहर के शुरूआती दौर में घातक संकेत सामने आ रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश के लगभग 73 जिलों में संक्रमण की दर यानी जांच पाॅजिटिविटी दर 10 प्रतिशत बना हुआ है। इनमें से 45 जिले पूर्वोत्तर के राज्यों के हैं। इसे देखते हुए पिछले सप्ताह केन्द्र ने विशेषज्ञों की टीम इन राज्यों में भेजी थी ताकि संक्रमण के कारणों का पता लगाया जा सके एवं उसे रोका जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है और अगर हमने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया तो हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

केरल की हालत गंभीर

देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के अलावा केरल राज्य की हालत कोरोना की तीसरी लहर की वजह से गंभीर नजर आ रही है। यहां जांच पॉजिटिविटी दर 10.5 फीसदी बनी हुई है। अच्छी खबर यह है कि दूसरी लहर में जहां महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की हालत खराब थी। तो वहीं अब इन राज्यों में कोरोना के नए केस में काफी कमी देखने को मिल रही है।

पूर्वोत्तर के ये 7 राज्य भी कोरोना की गिरफ्त में

कोरोना के अगर मामलों की बात करें तो पूरा देश फिलहाल इस महामारी से घिरा हुआ है। देश के औसत संक्रमण दर की अगर बात करें तो 2.3 प्रतिशत इस वक्त पूरे देश में कोरोना है। वहीं अगर कोरोना के गंभीर मामलों की बात की जाए तो केरल जहां पर 10.5 प्रतिशत संक्रमण दर्ज किया जा रहा है जो डराने वाले हैं। इसके अलावा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना की भयावह स्थिति बनी हुई है। 19.5 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर के साथ सिक्किम का हाल सबसे खराब है। 10 प्रतिशत या उससे अधिक संक्रमण दर अभी फिलहाल पूर्वोत्तर के 5 राज्यों की है। चलिए देखते हैं कि पूर्वोत्तर के वे कौन से राज्य हैं, जो देश की चिंता बढ़ा रहे हैं।

19.5 प्रतिशत सिक्किम
15 प्रतिशत मणिपुर
11.8 प्रतिशत मिजोरम
10.5 प्रतिशत केरल
9.4 प्रतिशत मेघालय
7.4 प्रतिशत अरुणाचल प्रदेश
6 प्रतिशत नागालैंड
5.6 प्रतिशत त्रिपुरा

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