नई दिल्ली ।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर थम गई है, लेकिन वायरस के अलग-अलग वैरिएंट का खतरा अभी भी बना हुआ है। देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए राजस्थान में कोरोना वायरस के कप्पा वैरिएंट के बारे में पता चला है। फिलहाल राजस्थान में 11 कोरोना संक्रमित मरीजों में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि की गई है। राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने मंगलवार को बताया कि कोरोना वायरस के कप्पा स्परूप से संक्रमित 11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा में मिला है और जीनोम अनुक्रमण के बाद इन सभी मामलों की पुष्टि की गई है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि कोरोना वायरस का कप्पा वैरिएंट इससे पहले सामने आए डेल्टा वैरिएंट से कम घातक है। राजस्थान में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 28 नए मामले आए, जिनमें से 11 केस कप्पा वैरिएंट के निकले। फिलहाल राजस्थान में कोरोना के 613 एक्टिव मरीज हैं।
डेल्टा वैरिएंट से कम घातक है कप्पा वैरिएंट
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के बताया कि कप्पा वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम जानलेवा है। गौरतलब है कि राजस्थान में 13 जुलाई तक 9.53 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 9.43 लाख से ज्यादा ठीक भी हो चुके हैं, वहीं 8,945 लोगों की मौत हो चुकी है।
जानिए क्या है कप्पा वैरिएंट
कोरोना वायरस के कप्पा वैरिएंट (बी.1.167.1) की बात की जाए तो इसे पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में ही पाया गया था। दरअसल यह कोरोनावायरस का एक डबल म्यूटेंट स्ट्रेन है। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कप्पा वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कप्पा वैरिएंट तेजी से फैलता है और इस वैरिएंट की जटिल प्रकृति को देखते हुए WHO ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप चिन्हिंत किया है। इस वैरिएंट पर वैक्सीन भी असरकारक नहीं है, इसलिए भी ये चिंता का विषय है।