दमोह। केंद्रीय मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के बाद बुंदेलखंड की राजनीति ने नई करवट लेना शुरू कर दी है. दमोह सांसद प्रहलाद पटेल का मंत्रालय बदलने और उनके अधिकार सीमित किए जाने को उनकी कार्यशैली और दमोह उपचुनाव में मिली करारी हार से जोड़कर देखा जा रहा है.
विभाग बदला, दायरा सीमित हुआ
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में दमोह से दो बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का न केवल विभाग बदल दिया गया, बल्कि स्वतंत्र प्रभार से उन्हें राज्यमंत्री तक सीमित कर दिया गया. मंत्रियों की वरीयता सूची में अब प्रह्लाद पटेल काफी पीछे पहुंच गए हैं. विरोधी खेमे ने प्रह्लाद पटेल का मंत्रालय बदलने पर चुटकी ली है.
विभाग बदला, दायरा सीमित हुआ
स्वतंत्र प्रभार वापस लिया गया
मंत्रालय बदले जाने के पूर्व सांसद प्रहलाद पटेल केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री थे. देश में पर्यटन बहुत बड़ा विभाग माना जाता है. इसके अलावा इसका सीधा संबंध विदेशी पर्यटकों से जुड़ा होता है. वरीयता क्रम में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय 30वें स्थान पर आता है. इसके अलावा प्रह्लाद पटेल के पास स्वतंत्र प्रभार था, इसलिए वे अपने मंत्रालय के स्वयं ही सर्वेसर्वा थे. उनके ऊपर कोई मंत्री होने के चलते वह निर्णय लेने में पूरी तरह स्वतंत्र थे.
मंत्रियों की वरीयता में 54वें नंबर पर खिसके
अब प्रह्लाद पटेल का मंत्रालय बदलकर उन्हें जल शक्ति एवं फूड प्रोसेसिंग राज्य मंत्री बना दिया गया है. अब यह मंत्रालय दो मंत्रियों के पास हैं. इसके अलावा उनका स्वतंत्र प्रभार का दर्जा भी समाप्त कर दिया गया है. राज्य मंत्रियों के वरीयता क्रम में देखें तो जल शक्ति मंत्रालय 24 वे नंबर और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय 28 वे नंबर पर आता है. मंत्रियों की लिस्ट में अब पटेल 54वें और 58वें नंबर के मंत्री बनकर रह गए हैं. जल शक्ति विभाग में पटेल के वरिष्ठ मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और फूड प्रोसेसिंग में पशुपति पारस हैं.
क्या थी वजह ?
बुंदेलखंड में सत्ता के दो केंद्र
प्रहलाद पटेल जब स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री थे तो समूचे बुंदेलखंड और महाकौशल के अकेले नेता थे, जो केंद्रीय राजनीति में दखल रखने के लिए जाने जाते थे. महाकौशल से फग्गन सिंग कुलस्ते भी मंत्रिमंडल में मंत्री थे लेकिन वो सिर्फ राज्यमंत्री थे. अब प्रह्लाद पटेल के निकटवर्ती संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र खटीक को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद अब बुंदेलखंड में सत्ता के दो केंद्र बन रहे हैं.
दिल्ली में उठे दमोह के मुद्दे
सियासी गलियारों में ऐसी खबरें हैं कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के पहले बुंदेलखंड के एक कद्दावर नेता ने दिल्ली जाकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में इस नेता ने दमोह उपचुनाव में प्रह्लाद पटेल के दिए बयान का जानकारी दी थी, जिसकी वजह से लोधी वोट बैंक बंट गया और बीजेपी चुनाव हार गई. साथ ही इस नेता में दिल्ली में जानकारी दी कि दमोह उपचुनाव के दौरान जमकर कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई थी.